तनाव की नाव में ना हों सवार – सही प्रबंधन से दूर होता है तनाव : चौधरी

रायगढ : राज्य मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन ज़िला पंचायत के अधिकारियों ओर कर्मचारियों के लिये आयोजित आज किया गया।
इस कार्यस्थल का मुख्य उद्देश्य कार्य का सही से निष्पादन किया जाना था जिससे कार्य सुचारू रूप से चले और कार्यक्षेत्र में उत्पन्न होने वाले तनाव को टाला जाए ।

राज्य में पहली बार जिला पंचायत स्तर पर तनाव प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसके तहत स्ट्रेस मैनेजमेंट विषय पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया साथ ही तनाव से बचने के उपाय भी बताए गए ।

सीईओ ज़िला पंचायत रायगढ सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा उचित प्रबंधन ना होने से कार्यस्थल पर तनाव बढ़ जाता है। कार्यस्थल तनाव प्रबंधन के लिए छोटे-छोटे टिप्स अपनाने होंगे जिससे तनाव को कम किया जा सकता है | कार्यस्थल पर एक दूसरे की भावनाओं का ध्यान रखते हुए काम को आपसी समन्वय और संवाद से पूरा करना चाहिए । अपने कार्य को बेहतर करने के लिए तनाव की नाव से बाहर निकलना होगा तनाव की नाव में बैठकर हम अपने बेहतर काम को भी खराब कर लेते है उन्होनें बताया ।

अतिरिक्त सीईओ दिलीप कुर्रे ने कहा तेज रफ्तार ज़िंदगी में हर व्यक्ति तनाव का शिकार होता है । खासकर कार्य स्थाल एवं कार्य करने वाले लोग चाहे वह ग्रहणी ही क्यों न हो । सही प्रबंधन न होने से व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है । इस तरह की कार्यशाला नियमित होने चाहिए ताकि उन लोगों को प्रोत्साहन मिले जो कार्यस्थल पर तनाव का प्रबंधन नहीं कर पाते हैं, उन्होनें कहा ।

कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर अतीत राव ने तनाव को गतिविधि के माध्यम से बताया कार्यस्थल पर से संवाद कैसे करते हैं, और किस प्रकार कार्य को सहयोगियों के साथ समन्वय स्थापित करके कार्य को पूरा किया जा सकता है ।आपसी सामंजस्य कैसे बैठाया जाता है, और काम को कैसे करना होगा ताकि तनाव का विकेंद्रीकरण हो इसके बारे में भी बताया गया ।

तनाव प्रबंधन के विषय पर उन्होंने गतिविधियों के माध्यम से आपसी चर्चा कर कार्यस्थल तनाव प्रबंधन पर प्रतिभागियों की समझ को बढाया । उचित प्रबंधन न होने पर लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं, जिसके कारण एंग्जायटी भी हो सकती है।एक्यूट स्ट्रेस रिएक्शन, पोस्ट पोमाटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर(पीटीएसडी)भी हो सकता है।इस सब से बचने के लिए आपसी समन्वय से तनाव का प्रबंधन करना होगा, अतीत राव ने बताया ।

कार्यशाला को सफल बनाने में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभारी विरेंद्र डडसेना, साइकेट्रिक सोशल वर्कर संतोष कुमार पांडे और घनेश्वर दास वैष्णव का महत्व पूर्ण सहयोग रहा ।

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