पाकिस्तान से खाली हाथ जाने को मजबूर अफगानी, पीछे छूट गई लाखों की संपत्ति और रकम

इस्लामाबाद हाजी मुबारक शिनवारी 1982 में अपने पांच बेटों और दो भाइयों के साथ पाकिस्तान आए थे। उन्होंने कड़ी मेहनत से वस्त्र, परिवहन और ऋण …