भोपाल: शिक्षा गुणवत्ता सुधारने और अयोग्य शिक्षकों के लिए सरकार लंबे समय से प्रयासरत है। इसके सरकार ने कई अहम प्रयास किए हैं, लेकिन उम्मीद के अनुसार सरकार को सफलता नहीं मिल पाई। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने शिक्षा गुणवत्ता सुधारने और लापरवाही शिक्षकों पर शिकंजा कसने लिए एक और नया प्रयोग करने जा रही है। खबर है कि कमलनाथ सरकार खराब परफार्मेंस वाले शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने वाली है। इसके लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है, जो शिक्षकों के कार्यों का आंकलन कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य के कई सरकारी स्कूलों में छात्रों का पिछले तीन साल से लगातार बहुत ही खराब प्रदर्शन रहा। इसको देखते हुए मेरे विभाग ने जिन सरकारी स्कूलों में छात्रों ने परीक्षाओं में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया, उन स्कूलों के संबंधित शिक्षकों के लिए एक ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया था और उसके बाद हाल ही में उनकी दक्षता परीक्षाएं ली गई थीं। लेकिन कई शिक्षक इसमें पास नहीं हो पाए। इस बात की जानकारी शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने दी है।
प्रभुराम चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में कार्यरत शिक्षकों को दक्षता परीक्षा में असफल होने के बाद उन्हें फिर से ट्रेनिंग दी गई। बावजूद इसके शिक्षक नाकामयाब साबित हुए। इसके बाद सरकार ने यह तय किया है कि जो शिक्षक दक्षता परीक्षा में असफल हुए हैं और 20 साल की नौकरी या 50 की उम्र पार कर चुके हों, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। लेकिन इससे पहले उन्हें नोटिस दिया जाएगा और उसके बाद जांच की जाएगी। इसके बाद ही उनको अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
चौधरी ने बताया कि शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा वर्तमान अकादमिक सत्र से कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चों का बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक मूल्यांकन किए जाने का निर्णय लिया गया है। 5वीं और 8वीं के बच्चों को परीक्षा में पास होने के लिए 33 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता होगी। वहीं, फेल होने वाले बच्चों की दो माह बाद फिर से परीक्षा ली जाएगी।
प्रदेश के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने योग्य बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया गया है। सत्र 2019-20 में कक्षा 6वीं से 10वीं तक सामाजिक विज्ञान और कक्षा 11वीं में कला संकाय की एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। वर्ष 2021-22 तक क्रमिक चरणों में सभी विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी विषयों में यह पाठ्यक्रम लागू कर दिया जाएगा।