रायपुर
नियमों के सरल होने के बाद रायपुर जिले में अब तक 4 हजार 906 अनाधिकृत तरीके से बनाएं गये भवन या भाग का नियमितिकरण किया जा चुका है। अनाधिकृत निर्माण नियमितिकरण प्राधिकरण की आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी 1 हजार 468 प्रकरणों को नियमित किया गया।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में हुई शुक्रवार की बैठक में रायपुर नगर-निगम क्षेत्र के एक हजार 335, बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 105 प्रकरणों के साथ नगर निवेश क्षेत्रों में 21, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 02 और तिल्दा में 05 अनाधिकृत निमार्णों को नियमित कर दिया गया। आज की बैठक में नियमित किए गए प्रकरणों में से रायपुर नगर निगम क्षेत्र में सबसे अधिक 940 प्रकरण आवासीय और 395 गैर आवासीय अनाधिकृत निर्माण के है। इस बैठक में नगर-निगम आयुक्त श्री मयंक चतुवेर्दी सहित रायपुर नगर-निगम के सभी जोनों के जोन कमिश्नर, बीरगावं नगर निगम के आयुक्त श्री कीर्तिमान राठौर, समिति के सदस्य सचिव और नगर निवेश विभाग के उप संचालक श्री बी पी एस पटेल सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक में जिले में अनाधिकृत निर्माण कार्यों को नियमित करने पर निकायवार-जोनवार विचार किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास के नियमितिकरण अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रकरणों पर विचार करते हुए नियमितिकरण की मंजूरी दी गई। आज बैठक में नगर-निगम रायपुर के जोन एक में 164, जोन दो में 79, जोन तीन में 84, जोन चार में 58, जोन पांच में 144, जोन छह में 177, जोन सात में 105, जोन आठ में 153, जोन नौ में 185 तथा जोन दस में 186 प्रकरणों में अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने का अनुमोदन किया गया। इसी तरह बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 105, नगर एवं ग्राम निवेश क्षेत्र रायपुर में 21 और तिल्दा निवेश क्षेत्र में 05 अनाधिकृत निर्माण को नियमित किया गया है।
बैठक में कलेक्टर ने नियमितीकरण के प्राप्त आवेदनों पर सभी प्रभारी अधिकारी से चर्चा कर नियमितीकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से जोन के सभी वार्डों के कमर्शियल एवं आवासीय प्रॉपर्टी की जानकारी लेकर नियमितीकरण के संबंध में नोटिस देने कहा। कलेक्टर ने प्रतिमाह 15 तारीख को अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण प्राधिकार समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। हर बैठक में पिछले माह में प्राप्त नियमितीकरण के सभी प्रकरणों का जोन स्तर पर जमीन के दस्तावेजों का सूक्ष्मता से जांच कर अनुशंसा सहित प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए। इसी तरह जिले के सभी नगरीय निकायों के सीएमओ और अनुविभागीय अधिकारी को नियमितिकरण की कार्यवाही तेजी से समय-सीमा में करने को कहा गया है।