सदन में महापौर- अध्यक्ष के अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने वाले चुनाव पर मुहर लग गई

रायपुर। छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम ( संशोधन) विधेयक सदन में शुक्रवार को पारित हो गया. इसके साथ ही महापौर- अध्यक्ष के अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने वाले चुनाव पर मुहर लग गई है. हालांकि, संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने विरोध जताया, जिसके बाद पक्ष और विपक्ष के बीच सदन में जमकर तकरार भी हुई.

बीजेपी विधायक अजय चन्द्राकर ने कहा कि आखिर सरकार अप्रत्यक्ष ढंग से चुनाव कराकर करना क्या चाहती है? यह लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है. निर्वाचित निकाय प्रतिनिधियों के बीच कार्य संचालन कैसे होगा? रिजर्वेशन के बाद अप्रत्यक्ष प्रणाली पर चुनाव कराना संविधान विरुद्ध है. इतिहास रहा है जब कभी भी अप्रत्यक्ष तरीके से चुनाव हुआ है, खरीद-फरोख्त बढ़ा है. इस प्रणाली से महापौर-अध्यक्षों का चुनाव कराने से मर्यादाओं का स्थान पैसा लेगा. यह प्रजातंत्र की हत्या करने जैसा है.

जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि जनादेश को तोड़-मरोड़कर अपने पक्ष में लाने की यह सरकार चेष्टा कर रही है. ये सरकार डरी हुई है, सहमी हुई है, भयभीत है, थर-थर कांप रही है सरकार. इस चुनाव में बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त होगी. जनादेश को कुचलने, रौंदने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे दर्जनों अध्यादेश ले आइये, जनता की अदालत में आपको मुंह की खानी पड़ेगी.

मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि जब देश में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष हो सकता है, प्रधानमंत्री का चुनाव अप्रत्यक्ष हो सकता है, मुख्यमंत्री का चुनाव अप्रत्यक्ष हो सकता है, जिला पंचायत-जनपद पंचायत के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष ढंग से होता है, तो क्या इन सब चुनावों से भी प्रजातंत्र की हत्या हो गई?

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