रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने छत्तीसगढ़ में आगामी एक दिसम्बर से बिजली की दरें फिर से बढ़ाए जाने की आलोचना की है। श्री उपासने ने कहा कि बिजली की आधी-अधूरी आपूर्ति से यूँ ही प्रदेश त्रस्त है, उस पर बिजली दरें फिर बढ़ाकर सरकार प्रदेशवासियों पर एक और बोझ लाद रही है।
भाजपा प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि बिजली बिल हाफ का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस के एक साल के शासनकाल में यह पाँचवीं बार बढ़ोतरी हो रही है। एक तरफ़ प्रदेश में बिजली की आपूर्ति ही पर्याप्त नहीं हो रही है, दूसरी तरफ़ सरकार बार-बार बिजली की दरें बढ़ा रही है। घंटों बिजली गुल रहने से जहाँ शहरी इलाक़े के बिजली उपभोक्ता त्रस्त हैं, वहीं ग्रामीण इलाक़ों में तो हालात इससे भी ज़्यादा बदतर हैं। प्रदेश को अंधकार-युग की ओर धकेल रही प्रदेश की बघेल सरकार की कुनीतियों और विफल व नाकारा प्रबंधन ने लोगों को सुविधाओं के नाम पर सिर्फ़ ठेंगा ही दिखाने का काम किया है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश में बिजली की आधी-अधूरी और अनियमित आपूर्ति से न केवल विद्यार्र्थी, गृहिणियाँ, छोटे व्यापारी, तकनीकी काम करने वाले, किसान आदि हलाकान हैं, अपितु बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान भी बिजली की मार सहने के लिए विवश हैं।
भाजपा प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार हर बार एक नये बहाने के साथ बिजली की दरें बढ़ाने का काम ही कर रही है जबकि बिजली आपूर्ति को दुरुस्त करने पर वह क़तई ध्यान नहीं दे रही है। जनवरी 2019 से अबतक प्रदेश सरकार लगातार बिजली की दरें बढ़ाकर प्रदेशवासियों की जेब पर डाका डाल चुकी है और अब एक दिसम्बर से फिर 17 से 20 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से पाँचवीं बार दरें बढ़ाकर बिजली उपभोक्ताओं को संत्रस्त करने पर आमादा है क्योंकि ताज़ा बढ़ोतरी को मिलाकर इस एक साल में प्रदेश सरकार कुल 61 पैसे प्रति यूनिट बिजली महँगी करने जा रही है। इसके चलते बढऩे वाली महंगाई की मार भी प्रदेशवासियों को झेलनी पड़ेगी। उपासने ने इस मूल्यवृद्धि को वापस लेने की माँग की है।
बिजली मूल्यवृद्धि वापस ले प्रदेश सरकार : उपासने।
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