नारायणपुर, बीजापुर और दन्तेवाड़ा जिलों के बीच 4400 वर्ग किमी का इलाका अपने नाम के अनुरूप अबूझ बना हुआ है। घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे अबूझमाड़ का राजस्व सर्वे आज तक नहीं हो पाया है। यहां किसी के पास जमीन का पट्टा नहीं है। राज्य सरकार हर साल एमएसपी पर धान खरीदती है लेकिन पट्टा न होने की वजह से अबूझमाड़िया अपना धान नहीं बेच पाते। इस इलाके में ग्रामीण सामूहिक रूप से पेंदा या चल खेती करते हैं। नईदुनिया ने 28 नवम्बर के अंक में सरकार नहीं खरीदती माड़ का धान शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
बस्तर सांसद दीपक बैज और स्थानीय विधायक चंदन कश्यप ने इस खबर को संज्ञान में लेकर माड़िया अन्नदाताओं का दर्द मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से साझा किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत और मुख्य सचिव आरपी मंडल से चर्चा कर अबूझमाड़ के किसानों का धान समर्थन मूल्य में खरीदने की व्यवस्था करने कहा है। इससे पहली बार अबूझमाड़ के 10 हजार किसानों को फायदा होगा।
नारायणपुर ब्लॉक से 70 गुना अधिक क्षेत्रफल में बसे अबूझमाड़ में 13151 हेक्टेयर में धान की पैदावार हो रही है। माड़ में कृषि विभाग की योजनाएं जिला प्रशासन और रामकृष्ण मिशन आश्रम के माध्यम से चलता है। मालूम हो कि अबूझमाड़ के 237 गांवों का राजस्व सर्वे नहीं होने से माड़ में बसे लोगों के पास जमीन का दस्तावेज नहीं है जिसकी वजह से खाद्य विभाग के वेबसाइट में किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है।
पंजीयन के लिए खसरा नंबर अनिवार्य किया गया है। सरकार के द्वारा नियमों में बदलाव करने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल हाट- बाजारों में किसानों से धान औने-पौने दामों पर साहूकारों के द्वारा खरीदा जा रहा है। धान की क्वालिटी का हवाला देकर बिचौलिए भी जमकर फायदा उठा रहे हैं। सरकार के नीति बदलने से अबूझमाड़ के किसानों को बड़ी राहत मिलने की बात कही जा रही है।
धान खरीदेगी सरकार
अबूझमाड़ के कृषकों की समस्या को दूर करने के लिए सरकार गंभीर है। मुख्यमंत्री ने धान का समर्थन मूल्य देने के लिए मुख्य सचिव को कहा है। गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाएगी।
आदेश आते ही बनेगी कार्ययोजना
अबूझमाड़ का राजस्व सर्वे नहीं होने से किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। शासन स्तर से पत्राचार कर माड़ के किसानों को छूट देने की मांग की गई है । उच्च कार्यालय से आदेश आते ही कार्ययोजना बनाकर किसानों से समर्थन मूल्य पर धान लिया जाएगा।