कर्नाटकः एग्जिट पोल का अनुमान, राज्य में सेफ है येदियुरप्पा सरकार

  • 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव खत्म
  • 9 दिसंबर को आएंगे उपचुनाव के नतीजे

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव गुरुवार को खत्म हो गया. चुनाव आयोग के मुताबिक, यहां करीब 60 फीसदी वोटिंग हुई. अब 9 दिसंबर को चुनाव के नतीजे के दिन येदियुरप्पा सरकार का भविष्य तय होगा. हालांकि एग्जिट पोल में कर्नाटक सरकार सेफ नजर आ रही है.

क्या है एग्जिट पोल का अनुमान

एग्जिट पोल में बीजेपी को जितनी सीटें दी हैं, उससे येदियुरप्पा सरकार को कोई खतरा नहीं है.  एग्जिट पोल में बीजेपी को 9, कांग्रेस को 3, जेडीएस को 2 और निर्दलीय के खाते में एक सीट जा रही है. पावर टीवी के एग्जिट पोल में बीजेपी को 8 से 12 सीटें मिल सकती हैं. वहीं, कांग्रेस को 3 से 6, जेडीएस को 0 से 2 और निर्दलीय 0 से 1 सीट मिलने का अनुमान है. पब्लिक टीवी के एग्जिट पोल में 8 से 10, कांग्रेस को 3 से 5, जेडीएस को 1 से 2 और निर्दलीय को 0 से 1 सीटें मिलने की उम्मीद है.

बीजेपी के हर हाल में चाहिए 6 सीट

बता दें कि इन उपचुनाव के परिणामों से तय होगा कि कर्नाटक में चार महीने पुरानी बीजेपी सरकार टिकी रहेगी या गिर जाएगी. इन 15 सीटों में से कम से कम 6 सीटों पर जीत येदियुरप्पा सरकार के लिए बहुत जरूरी है. ऐसे में बीजेपी को अपनी सरकार बचाने के लिए जीत का सिक्सर जड़ना जरूरी है.

इन सीटों पर हुई वोटिंग

गुरुवार को अठानी, कगवाड़, गोकक, येलापुर, हिरेकेरूर, रानीबेन्नूर, विजयनगर, चिकबेलापुर, के.आर. पुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लेआउट, शिवाजीनगर, होसाकोटे, के.आर. पेटे, हुनसूर सीटों पर वोटिंग हुई. मुसकी (राइचुर जिला) और आर.आर. नगर (बेंगलुरू) के उपचुनाव पर कर्नाटक उच्च न्यायालय में मई 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर दायर मुकदमे की वजह से रोक लगा दी गई है.

165 उम्मीदवार मैदान में हैं

15 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 165 उम्मीदवार खड़े हैं, जिसमें 126 निर्दलीय और नौ महिलाएं शामिल हैं. बीजेपी और कांग्रेस सभी 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि जेडीएस ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं.

भाजपा ने बागियों पर खेला दांव

बीजेपी ने चुनावी मैदान में कांग्रेस और जेडीएस छोड़कर आए क्रमश: 11 और तीन विधायकों को उतारा है. इन लोगों ने 14 नवंबर को सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थाम लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को अपने फैसले में इनकी अयोग्यता बरकरार रखते हुए इन्हें दोबारा चुनाव लड़ने की इजाजत दी थी.

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