उन्नाव दुष्कर्म: ..इस तरह घर लौटी बिटिया, हर तरफ मातम और सिसकियां, आज होगा अंतिम संस्कार

90 फीसदी जल चुकी उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने 44 घंटे तक जिंदगी से जंग लड़ी। आखिर में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शुक्रवार रात उसने आखिरी सांसें लीं। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद सड़क मार्ग से उन्नाव की बेटी का शव देर शाम गांव पहुंचा तो आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। परिजनों के मुताबिक रविवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दुष्कर्म पीड़िता की मौत से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। बता दें कि पीड़िता को गुरुवार देर रात लखनऊ के सिविल अस्पताल से एयरलिफ्ट करके सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पीड़िता ने इलाज के दौरान अपने भाई से कहा आखिरी बार कहा था कि जिन्होंने मेरी ऐसी हालत की है उन्हें छोड़ना मत। साथ ही उसने यह भी कहा था कि अभी वह मरना नहीं चाहती है।

इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा

उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को जलाने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।
ये है पूरा मामला

उन्नाव में गुरुवार को दुष्कर्म पीड़िता पर आरोपियों ने पेट्रोल डालकर उसे जलाकर मारने की कोशिश की। इसमें पीड़िता 90 फीसदी जल गई थी। चश्मीदीदों के मुताबिक पीड़िता आग लगने के बाद करीब एक किमी तक मदद की गुहार लगाते हुए दौड़ती रही थी। यहां तक की उसने खुद ही 112 पर फोन कर पुलिस को घटना की जानकारी दी थी, जिसके बाद वहां पुलिस की टीम और एंबुलेंस पहुंची थी।
आखिरी वक्त गले मिलते बहन ने कहा था, सब कुछ खत्म हो गया

पीड़िता की मां और बड़ा भाई अस्पताल परिसर में रोते बिलखते दोषियों को गोलियों से भूनने की मांग कर रहे थे। पीड़िता के भाई ने कहा कि उनकी बहन अग्निपरीक्षा दे चुकी है। अब उसकी ऐसी हालत करने वाले दोषियों को यह परीक्षा देनी होगी। वे हर उस चीख का बदला लेना चाहते हैं जो उसकी बहन के मुंह से निकल रही थी। अपनी आंखों में आंसू लिए भाई ने कहा, मैं अपनी बहन को नहीं बचा पाया लेकिन मैं सरकार से मांग करता हूं कि आरोपियों को भी मौत की सजा मिलनी चाहिए। मैंने उससे वादा किया था कि सब मिलकर उसे बचा लेंगे पर ऐसा हुआ नहीं। आखिरी वक्त मुझसे गले मिलते हुए बहन ने कहा था कि सब कुछ खत्म हो गया। भाई ने कहा कि अपनी बहन के पार्थिव शव को न गंगा में बहाएंगे न ही चिता देंगे। वे उसे धरती माता की गोद में देंगे।

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