ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक बिल की प्रति फाड़ी

एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक बिल फाड़कर फेंक दिया। उन्‍होंने इस बिल का विरोध करते हुए इसे अल्‍पसंख्‍यक विरोधी बताया। असदुद्दीन ओवैसी ने बहस के दौरान लोकसभा में स्‍पीकर ओम बिरला से कहा कि मैं आपसे अपील करता हूं, ऐसे कानून से देश को बचाओ। इससे देश के गृह मंत्री को भी बचाओ, वर्ना नूर्नबर्ग रेस कानूनों और इजरायल के नागरिकता अधिनियम की तरह इस मामले में भी गृह मंत्री का नाम हिटलर और डेविड बेन-गुरियन के साथ लिया किया जाएगा।

इसके पहले लोकसभा में इस बिल को पेश करने का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया। इस कारण वोटिंग के जरिए बिल पेश हो सका। बिल पेश किए जाने के पक्ष में 293 तथा विपक्ष में 82 सदस्यों ने वोट दिए। बिल पर बहस शुरू करते हुए शाह ने कहा- ‘नागरिकता संशोधन बिल को देश के 130 करोड़ नागरिकों का समर्थन है, क्योंकि यह मामला 2014 तथा 2019 के आम चुनावों में भाजपा के घोषणा-पत्र का हिस्सा रहा है।” उन्होंने कहा- ‘हमें घुसैपठियों और शरणार्थियों में फर्क करना होगा। नागरिकता संशोधन विधेयक किसी से कोई भेदभाव नहीं करता है और न ही किसी का अधिकार छीनने वाला है।”

गृह मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो तीन देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान) में धार्मिक आधार पर सताए जाने के कारण उन देशों को छोड़कर आए हैं। उनके पास कोई दस्तावेज या राशन कार्ड नहीं हैं।

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