पुलिस और प्रशासन बेखबर, शहर में चल रहे 500 अवैध हॉस्टल

रायपुर। राजधानी में पिछले कई सालों के भीतर हॉस्टलों की बाढ़ आ गई है। रहवासी इलाकों में भवन निर्माण करके मकान मालिक हॉस्टल का रूप देकर खूब कमाई कर रहे हैं। मानकों के खिलाफ चल रहे हॉस्टलों की न ही कोई जांच हो रही है और न ही यहां सिक्योरिटी का कोई इंतजाम है। मंगलवार को टिकरापारा में छात्राओं को भीतर घुसकर मारने की खबर के बाद नईदुनिया ने पड़ताल की तो पाया कि यहां हॉस्टल के सामने सीसी कैमरा तक नहीं लगाया है और न ही सिक्योरिटी गार्ड है।

मकान मालिक चार से पांच हजार रुपये प्रति कमरे का किराया वसूल रहे हैं। मकान मालिक बंटी साहू से पुलिस ने नोटिस देकर जवाब भी मांगा है। राजधानी में कई छात्रावास हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किए जा रहे हैं। शहर के 99 फीसद हॉस्टल बिना रजिस्ट्रेशन के किराए और स्वयं के घरों में संचालित किए जा रहे हैं।

इसकेलिए कोई मानक न कोई बेहतर व्यवस्था है। छात्र किसी तरह गुजर बसर कर पढ़ाई के लिए मोटी रकम खर्च कर रहे हैं। राजधानी के शंकर नगर, टिकरापारा, समता कॉलोनी, राजेंद्र नगर, गुढ़ियारी समेत कई पॉश इलाकों में बिना रजिस्ट्रेशन के ही हॉस्टल चलाए जा रहे हैं।

नियमों की उड़ रहीं धज्जियां

राजधानी में करीब 500 निजी छात्रावास संचालित हैं। इनमें से अधिकतर छात्रावास बिना नियम-कायदे और रजिस्ट्रेशन के संचालित किए जा रहे हैं। मानको की जांच केलिए नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स 2005 (एनसीपीसीआर) के अंतर्गत कमेटी गठन करनी है पर यह कमेटी कोई काम नहीं कर पा रही है। कमेटी का निर्धारण कलेक्टर के अधीन किया जाना है, ताकि समय-समय पर कमेटी निजी छात्रावासों का मुआयना कर छात्रों की सुरक्षा और सुविधा का संज्ञान ले सकें।

99 फीसद हॉस्टल बिना पंजीयन के चल रहे हैं

छात्रों और बच्चों अधिकार के लिए नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स एनसीपीसीआर ने नवंबर 2017 में सभी निजी एवं सरकारी विभिन्न संस्थानों में चल रहे छात्रावासों के लिए गाइडलाइन बनाई है। इसमें कहा गया है कि जिस छात्रावास में 18 साल और उससे कम उम्र के बच्चे रहते हैं, वहां की सुरक्षा और सुविधा की जानकारी के लिए एक नियंत्रण कमेटी का गठन जिलाधीश के आदेश पर किया जाना चाहिए।

यह है गाइडलाइन

एनसीपीसीआर के गाइडलाइन के मुताबिक हॉस्टल संचालक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, हॉस्टल और लॉज में निवास करने वालों की संख्या, कमरों की संख्या, बेड की संख्या, कमरों में खिडकियों की संख्या, बिजली की व्यवस्था, जनरेटर भोजन की व्यवस्था, संचालित जगह की भूमि- भवन के संबंधित दस्तावेज, किराए की रसीद और हॉस्टल का नाम पहचान पत्र सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी देना होता है। साथ ही छात्रों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा, वार्डन और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था हो।

सभी हॉस्टलों की जांच होगी

– सुरक्षा के लिहाज से सभी हॉस्टलों की जांच कराएंगे। सभी का पंजीयन अनिवार्य है। ऐसा नहीं हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। – आरिफ एच. शेख, एसएसपी रायपुर

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