संसद हमले की 18वीं बरसी आज, राष्ट्रपति और सांसदों ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 2001 में संसद पर हुए हमले में अपनी जान गंवाई थी। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर लिखा, ‘एक कृतार्थ राष्ट्र 2001 में इस दिन आतंकवादियों से संसद का बचाव करते हुए अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों के अनुकरणीय शौर्य और साहस को सलाम करता है। हम अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद को हराने और खत्म करने के अपने संकल्प को लेकर दृढ़ हैं।’

संसद के कई सदस्यों ने उन लोगों को याद करते हुए ट्वीट किया है जो इस आतंकवादी हमले में मारे गए थे। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं उन बहादुरों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने 2001 में इस दिन एक नृशंस आतंकवादी हमले के खिलाफ हमारी संसद का बहादुरी से बचाव करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। न्यू इंडिया हमेशा उनकी निस्वार्थता, दृढता और साहस के लिए उनका ऋणी रहेगा।’

दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा, ’13 दिसंबर को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए भारत माता के सभी वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि।’ बता दें कि 13 दिसंबर, 2001 को एंबेसडर कार में सवार होकर आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में संसद को गोलियों से छलनी कर दिया था।

यह हमले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने किए थे। इस हमले में 14 लोगों की मौत हो गई थी। जिसमें दिल्ली पुलिस के पांच कर्मी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला अधिकारी, संसद भवन के दो वॉच और वार्ड कर्मचारी, एक माली और एक कैमरामैन शामिल थे।

जिस समय यह घटना घटी उस समय संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था और कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित हुई थी। संसद के अंदर लगभग 100 सदस्य मौजूद थे। तत्कालीन गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज अन्य मंत्रियों के साथ लोकसभा में मौजूद थे।

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