निर्भया केस (Nirbhaya case) के चार आरोपियों से एक अक्षय कुमार सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि बुधवार सुबह 10.30 बजे इस पर सुनवाई के लिए अलग पीठ का गठन किया जाएगा। अक्षय ने फांसी की सजा पर पुनर्विचार याचिका दायर की है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस आर बनुमथी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। बता दें, इसी सुनवाई के आधार पर 18 दिसंबर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट भी अपना फैसला देगी।
इस बीच, निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। यदि कुलदीप सेंगर और निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा होगी तो समाज में सख्त संदेश जाएगा।
अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश सिंह और राम सिंह को 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का दोषी ठहराया गया है। राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक अन्य दोषी नाबालिग होने के कारण रिहा कर दिया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इन चारों को दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुनााई। पिछले साल पवन गुप्ता, विनय शर्मा, और मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर की थी और 2017 के आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था, जिसे सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया और सजा को बरकरार रखा गया था।
केवल विनय शर्मा ने की दया याचिका
चारों दोषियों में से केवल विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि दया याचिका खारिज की जाए। हालांकि बाद में उसने यू-टर्न लिया और दावा किया कि याचिका उसने दायर नहीं की है और इस पर उसके हस्ताक्षर भी नहीं हैं। हालांकि अब तिहाड़ जेल ने राष्ट्रपति को सौंपी अपनी अपनी रिपोर्ट कहा है कि विनय की याचिका पूरी तरह सही है। यानी राष्ट्रपति जल्द ही उसका दया याचिका खारिज करने पर फैसला ले सकते हैं।