अहमदाबाद। Wedding in Ahmedabad : आपने आमतौर पर महंगी और खर्चीली शादियों के विलासितापूर्ण गौरवगान की कई खबरें सुनीं या पढ़ी होंगी लेकिन अहमदाबाद में 8 December संडे को एक ऐसी शादी हुई, जिसके बारे में जानकार आप वाह कह उठेंगे। घरवालों ने आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद इस शादी को एक मंदिर में सादगी भरे अंदाज में पूरा किया। यह सब एक प्रेरणा के चलते हुआ। अब देखते ही देखते यह शादी शहर में चर्चा का केंद्र बन गई है। यह शादी पूरी तरह सादगी से हुई। सादगी से कई विवाह समारोह होते हैं लेकिन इस आयोजन के बारे में यह खास है कि इसे पहले महंगे बजट में होना तय किया गया था। अचानक कुछ ऐसा हुआ कि यह दिखावे से बदलकर सादगी पर आ गई। अब सभी लोग इस सादगीपूर्ण शादी के समारोह की सराहना कर रहे हैं।
व्यापारी समुदाय के लोगों में आमतौर पर समारोहों में खर्च को अपना स्टेटस सिंबल माना जाता है लेकिन महानगर के जाने माने उद्यमी कपड़ा व्यापारी दीपक कुमार अग्रवाल ने सादगी की एक नजीर पेश करते हुए अपने पुत्र का विवाह एक मंदिर में संपन्न कराया। पहले यह विवाह उदयपुर के पैलेस में होना था। दीपक कुमार अग्रवाल अहमदाबाद के मस्कती कपड़ा बाजार के प्रमुख व्यापारी हैं, उनके पुत्र शुभम्र अग्रवाल की सगाई ध्वनि अग्रवाल के साथ की गई थी।
उदयपुर के पैलेस में विवाह कराने की तैयारियां भी परिवार करने लगा था कि अचानक दूल्हे के चाचा संजय अग्रवाल ने सुझाव दिया कि यह विवाह अहमदाबाद में सादगी से संपन्न कराकर परिवार को फालतू खर्च से बचाने का एक उदाहरण पेश करना चाहिए। दीपक व उनके समधी ने संजय के प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया।
रविवार को अपने बच्चों का विवाह पूरी सादगी के साथ अहमदबाद श्री राणी शक्ति सेवा समिति शाहीबाग मंदिर में संपन्न कराया। विवाह समारोह में दूल्हा व दुल्हन के अलावा करीब एक दर्जन लोग शामिल हुए। यह विवाह पूरी सादगी से संपन्न हुआ। गौरतलब कि है कि बीते दिनों अग्रवाल समाज ने भी विवाह समारोहों में व्यर्थ पैसा खर्च पर रोक लगाने की समाज को नसीहत दी थी।
दूल्हा-दुल्हन साथ पढ़ते थे, दोनों का मन था सादगी से विवाह करने का
संजय बताते हैं कि शुभम और ध्वनि अहमदाबाद के एचएल कालेज में पढ़ाई की है। दोनों ने साथ में ही बीकाॅॅम ग्रेज्युएट होने के बाद शादी करने का फैसला किया। दोनों ने उनके सामने प्रस्ताव रखा कि शादी में ज्यादा खर्चा करना उन्हें पसंद नहीं और वे सादगी से ही शादी करना चाहते हैंं। परिवार को फालतू खर्च से बचाकर एक उदाहरण पेश करना चाहिए। इससे समाज मे नयी सोच आएगी और समाज के मध्यम व गरीब लोग जो कर्जा लेकर शादी करते है उनसे इससे काफी सीख मिलेगी और वे भी सादगी से शादी करना चाहेंगे। बच्चों के इस प्रस्ताव को परिजन व अग्रवाल समाज के लोगों ने सराहा और दोनों परिवार के 20 लोगों की उपस्थिति में रविवार को यह शादी सम्पन्न हुई।
चाचा ने की थी पहल, जानिये वे क्या कहते हैं
दुल्हे शुभम के चाचा संजय अग्रवाल बताते हैं कि आज कल के नये जमाने के बच्चों को ज्यादातर चीजें शादी में चाहिएं होती हैंं। वे खुद समाज में देखते हैं कि मध्यम व गरीब वर्ग के लोग कहीं से पैसे उधार लेकर अपने बच्चों की शादी करतें है। इस बात की उन्हें हमेशा से चिंता रहती थी। भगवान ने उन्हें तो सब कुछ दिया लेकिन जिन्हें कुछ नहीं दिया उन्हें शादी करना बहुत ही मुश्किल होता है।
संजय बताते हैंं कि हम पैसे वाले लोग जितनी बड़ी शादियां करते हैं और हमारे प्रेशर में जो छोटे लोग उनकी हिम्मत नहीं हो पाती है वे अपनी जिदंगी खराब कर देते हैंं। इस प्रकार की बातें उहमेशा से उनके मन में खटकती थी।
बचत का संदेश देना ही मुख्य ध्येय
दिखावेबाजी व समाज में सम्मान की खातिर कई गरीब परिवार भी कर्जा लेकर शादी व अन्य समारोह में बेतहाशा खर्चा करते हैं। ऐसे ही परिवारों को सादगी व वितवैया का संदेश देने के लिए अहमदाबाद के दो नामी कारोबारियों ने अपने पुत्र-पुत्री की शादी मंदिर में संपन्न कराई।
जानिये इस परिवार के बारे में
मूलतः राजस्थान के हनुमानखड़ निवासी व अहमदाबाद में मस्कती कपड़ा बाजार के प्रमुख व्यापारी दीपक अग्रवाल के पुत्र की शादी आज-कल खूब चर्चा में है। उदयपुर के रॉयल पेलेस में शादी तैयारियां कर रहे दीपक अग्रवाल के बड़े भाई संजय अग्रवाल और पुत्र शुभम ने सादगी पूर्वक विवाह कराने का प्रस्ताव रखा तो दीपक अग्रवाल व उनके संबंधी ने तुरंत उसे स्वीकार कर लिया। गत रविवार को अहमदाबाद राणी शक्ति सेवा समिति मंदिर में यह विवाह संपन्न हुआ।