भोपाल
प्रदेश के 53वें जिले मऊगंज के गठन को लेकर राजस्व विभाग द्वारा मांगे गए सुझाव और आपत्तियों के लिए एक दो माह का समय बीतने के बाद भी राजस्व विभाग ने अब तक इसकी फाइनल अधिसूचना जारी नहीं की है। बताया जाता है कि जिला बनाने की फाइल कानूनी दावपेच में फंसाकर इसके क्रियान्वयन को रोकने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मऊगंज में चार मार्च को सभा के दौरान जिला घोषित कर चुके हैं और इसके साथ ही उनके द्वारा 15 अगस्त का ध्वजारोहण मऊगंज के नए कलेक्टर के हाथों कराने की घोषणा भी की गई थी। सीएम के इस ऐलान पर अभी कैबिनेट में भी मुहर लगना बाकी है।
अप्रेल माह में इस घोषणा के उपरांत राजस्व विभाग ने एक माह में दावे आपत्तियां मांगे थे। इसमें कहा गया था कि नए जिले में तीन तहसीलें होंगी। दावे आपत्ति की समय सीमा 6 मई तक तय की गई थी इसके बाद जिला अस्तित्व में आना है। दावे आपत्तियों के नोटिफिकेशन में विभाग ने कहा था कि नवगठित होने वाले जिले में मऊगंज, हनुमना और नईगढ़ी तहसीलें होंगी जबकि रीवा जिले में हुजूर, हजुर नगर, गुढ़, रायपुर कर्चुलियान, मनगवां, त्यौंथर, जवा, सिरमौर और सेमरिया तहसील के पूरे क्षेत्र शामिल रहेंगे। मऊगंज जिला यूपी के मिर्जापुर, सीधी, रीवा और प्रयागराज (यूपी) की सीमाओं तक रहेगा।
सीएम ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि सीएम चौहान ने मऊगंज को जिला घोषित करते समय देवतालाब को तहसील बनाने का ऐलान किया था और नईगढ़ी, मऊगंज, हनुमना और देवतालाब चार तहसीलों को मिलाकर नया जिला मऊगंज बनाने की घोषणा की थी लेकिन प्रस्तावित जिले की सीमा में देवतालाब तहसील का उल्लेख नहीं है। अभी देवतालाब को तहसील का दर्जा नहीं मिला है।