Ujjain News : मानसिक दिव्यांग बच्ची से दुष्कर्म करने वाले को मौत तक जेल में रहने की सजा

उज्जैन। Ujjain News खाने की चीज का लालच देकर 12 साल की मानसिक दिव्यांग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले बदमाश को गुरुवार को कोर्ट ने अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। डीएनए टेस्ट व अन्य सबूतों के आधार पर सजा सुनाई गई। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि असल विकलांग वह है जिसकी बुद्धि बुरी सोच का शिकार है।

उप संचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि नागझिरी थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला व उसका पति 17 अगस्त 2017 को काम पर गए थे। इस दौरान उनके घर पर 12 साल की मानसिक नि:शक्त बालिका व 4 साल का बालक था।

क्षेत्र में ही रहने वाला बद्री पिता अंबाराम (42) दोपहर में आया और बालिका का खाने की चीज का लालच देकर अपने साथ ले गया। फिर उससे दुष्कर्म करने लगा। इस हरकत को कुछ लोगों ने देख लिया और बद्री को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। मामले में गुरुवार को कोर्ट ने बदमाश बद्री को शेष प्राकृतिक जीवन की अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।

इशारों में सुनाई थी व्यथा, वीडियोग्राफी हुई

बालिका के मानसिक नि:शक्त होने के कारण उसके बयान करवाने के लिए इंदौर की विशेषज्ञ डॉ. मोनिका पुरोहित को बुलाया गया था। कोर्ट रूम में डॉ. पुरोहित ने इशारों व हाव-भाव की मदद से बालिका से उसके साथ हुई घटना की जानकारी लीछ। इसकी वीडियोग्राफी भी करवाई गई। अभियोजन व बचाव पक्ष के वकीलों ने अपने-अपने प्रश्न डॉ. पुरोहित को बताए थे। इसके बाद बालिका से इशारों से बात कर उनके जवाब दिए। डीएनए टेस्ट से भी अपराध की पुष्टि हुई थी।

कोर्ट ने कहा-विकृत मानसिकता दुख देती है

सजा के दौरान बचाव पक्ष ने कहा था कि उसकी उम्र व पहले अपराध को देखते हुए सजा में नरमी बरती जाना चाहिए। मगर उप संचालक डॉ. व्यास ने कोर्ट से कहा कि पीड़िता के मानसिक रूप से नि:शक्त होने के बाद भी उसने सहासिक रूप से कोर्ट में करवाए गए बयान से अपराध सिद्ध हो गया है। ऐसे दरिंदे को सांस लेने का भी अधिकार नहीं है। उसे जेल में रखा जाए, जिससे की समाज विकृत ना हो।

कोर्ट ने मामले में टिप्पणी की है कि असल में विकलांग व्यक्ति वह होता जिसकी बुद्धि बुरी सोच का शिकार होती है। विकृत शरीर इतना खराब और दुख देने वाला नहीं होता है जितनी विकृत मानसिकता होती है। आरोपित दंड के संबंध में उदारता का पात्र नहीं है। शासन की ओर से पैरवी एडीपीओ सूरज बछेरिया ने की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *