नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन थम नहीं रहा है बल्कि और ही हिंसक का रूप ले रहा है। इस बीच राजनीति गलियारों से जो खबर निकलकर सामने आ रही है बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल नागरिकता कानून पर बीजेपी के साथ खड़ी रहने वाली कई पार्टियों ने यूटर्न ले लिया है और ऐलान किया है कि अपने-अपने प्रदेशों में किसी भी सूरत में सीएए और एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे।
लोकसभा और राज्यसभा में बीजेपी का समर्थन करने वाली वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में एनआरसी नहीं लागू करने की बात कही है। आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम अमजद पाशा ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में एनआरसी को लागू नहीं करेगी। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात की है। इस दौरान सीएम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय का ख्याल रखेगी और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
वहीं तेलंगाना में नागरिकता कानून को लेकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जिसके चलते लोकसभा में बीजेपी के साथ खड़ी केसीआर की पार्टी टीआरएस कानून को लागू नहीं करने का ऐलान किया है। बता दें कि केसीआर के सहयोगी माने जाने वाले असदुद्दीन ओवैसी इस कानून के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं।
इधर ओडिशा में भी बीजेपी के साथ खड़ी नवीन पटनायक ने भी कानून को प्रदेश लागू नहीं करने की बात कही। बीजू जनता दल ने लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन किया था और बिल के पक्ष में वोटिंग भी किया था। लेकिन अब पार्टी ने यू टर्न ले लिया हैै।
बिहार में भी नागरिकता कानून को लेकर सत्ता में काबिज नीतीश की पार्टी में दो फाड नजर आ रहे हैं। इस बीच हुए विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उनके सरकार के सुर बदल गए। नीतीश सरकार ने ऐलान किया है कि बिहार में एनआरसी को लागू नहीं करेंगे। जबकि बिहार में बीजेपी और जेडीयू की गठबंधन सरकार है। जेडीयू के सांसदों ने नागरिकता कानून के पक्ष में वोटिंग किया था।