नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एसोचैम के 100वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे और इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए उठाए गए कदमों के अलावा उद्योग जगत और लेबर्स को दी गई राहतों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी जैसे अहम कानून लागू किए वहीं विदेशी निवेश भी बढ़ाया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जब संकट में हो और उसे इससे मुक्ति दिलाने के लिए कठोर निर्णय लेने पड़े तो यह कठोर निर्णय लोगों को पसंद नहीं आते। ऐसे फैसलों को लेकर लोगों का गुस्सा झेलना पड़ता है। पीएम बोले कि देश को संकट मुक्त करने का काम जारी है लेकिन यह सब इतना आसान नहीं है। बहुत लोगों का गुस्सा सहना पड़ता है और आरोप झेलने पड़ते हैं। 70 साल की आदतें बदलने में वक्त लगता है लेकिन देश के लिए यह करना पड़ता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले बीस साल में देश में जितना विदेशी निवेश आया है उसका 50 प्रतिशत पिछले पांच सालों में आया है। मेरे लिए FDI के दो मतलब हैं। एक तो ये कि फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट जिसे सब जानते हैं वहीं मेरा अलग है और वो है फर्स्ट डेवलप इंडिया। आज भारत दुनिया के टॉप 10 एफडीआई देशों में शुमार है। प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकिंग सिस्टम को लेकर कहा कि आज हम ये कह सकते हैं कि देश की बैंकिंग प्रणाली की नींव अब इतनी पारदर्शी हो रही है कि 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को ऊर्जा दे सकते हैं।
आज हम दुनिया के टॉप 10 FDI डेस्टीनेशन्स में से एक हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में FDI आने की गति बढ़ी है इसी सकारात्मकता के आधार पर हम 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की तरफ बढ़ने वाले हैं। आने वाले वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश, इसे ताकत देगा। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर 25 लाख करोड़ रुपए का निवेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, मैं आज एसोचैम के इस मंच से देश की बैंकिंग से जुड़े लोगों को और कॉरपोरेट जगत के लोगों को ये विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अब पुरानी कमजोरियों पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इसलिए खुलकर फैसले लें, खुलकर निवेश करें, खुलकर खर्च करें। जब 2014 से पहले के वर्षों में अर्थव्यवस्था तबाह हो रही थी, उस समय अर्थव्यवस्था को संभालने वाले लोग किस तरह तमाशा देख रहे थे, ये देश को कभी नहीं भूलना चाहिए। तब अखबारों में किस तरह की बात होती थी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख कैसी थी, इसे आप भली-भांति जानते हैं। हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से अब 13 बैंक मुनाफे में वापस आ चुके हैं। 6 बैंक PCA से भी बाहर निकल चुके हैं। हमने बैंकों का एकीकरण भी तेज किया है। बैंक अब अपना देशव्यापी नेटवर्क बढ़ा रहे हैं और अपनी global पहुंच कायम करने की ओर अग्रसर हैं।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान लेबर रिफॉर्म का जिक्र भी किया और कहा कि Labor Reforms की बातें भी बहुत वर्षों से देश में चलती रही हैं। कुछ लोग ये भी मानते थे कि इस क्षेत्र में कुछ न करना ही लेबर वर्ग के हित में है। यानि उन्हें अपने हाल पर छोड़ दो, जैसे चलता रहा है, वैसे ही आगे भी चलेगा। लेकिन हमारी सरकार ऐसा नहीं मानती है। वहीं कॉरपोरेट टैक्स को लेकर लिए गए फैसले पर कहा कि कॉरपोरेट टैक्स कम करने, उसका प्रॉसेस Simplify करने को लेकर भी बरसों से देश में तमाम चर्चाएं होती थी। देश में जितना कॉरपोरेट टैक्स आज है, 100 साल के इतिहास में इतना कम टैक्स कभी नहीं रहा, ये काम भी हमारी सरकार ने किया है। Companies Act में सैकड़ों ऐसे प्रावधान थे, जिसमें छोटी-छोटी गलतियों के लिए क्रिमिनल एक्शन की बात थी। हमारी सरकार ने इसमें से अनेक प्रावधानों को क्रिमिनल एक्शन से मुक्त कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस पर कहा कि Ease of Doing Business कहने में चार शब्द लगते हैं लेकिन इसकी रैंकिंग में बदलाव तब होता है जब दिन-रात मेहनत की जाती है, जमीनी स्तर पर जाकर नीतियों में, नियमों में बदलाव होता है। आज भारत दुनिया के उन TOP 10 देशों में शामिल है, जिसने इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में पिछले 3 वर्षों में लगातार सबसे अच्छा सुधार किया है।
मोदी ने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि क्या उद्योग जगत नहीं चाहता था कि देश में टैक्स का जाल कम हो। हर राज्य में अलग अलग दरों की परेशानी से उसे मुक्ति मिले। हम जीएसटी लाए। व्यापार जगत से जो भी फीडबैक मिला, हम जीएसटी में आवश्यक चीजें जोड़ते रहे। उसमें जरूरी परिवर्तन करते रहे। आज देश में वो सरकार है जो किसान की भी सुनती है, मजदूर की भी सुनती है, व्यापारी की भी सुनती है और उद्योग जगत की भी सुनती है । उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास करती है और उनके सुझावों पर संवेदनशीलता से काम करती है