रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण की खबरों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यदि प्लांट नहीं चला सकती तो हमें सौंप दे, राज्य सरकार उसे चलाएगी। उन्होंने कहा कि प्लांट की स्थापना पर अब तक 20 हजार करोड़ स्र्पये से अधिक खर्च किया जा चुका है। इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद अब उसे निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। जगदलपुर (बस्तर) में निर्माणाधीन नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण का स्थानीय लोग भी विरोध कर रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही इसके विरोध में वहां पदयात्रा और सभा आयोजित की गई थी। प्लांट का निर्माण राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) कर रहा है, काम अंतिम चरण में है। इस बीच इसके विनिवेशीकरण की चर्चा तेज हो गई। इसको लेकर रविवार को नईदिल्ली में एक न्यूज एजेंसी ने मुख्यमंत्री बघेल से बात की।
इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जिस जमीन पर वह स्टील प्लांट लगाया गया है, वह जमीन आदिवासियों की है। उन आदिवासियों ने यह सोचकर एनएमडीसी को अपनी जमीन दी थी कि वहां प्लांट शुरू होने से उन्हें रोजगार मिलेगा।
अब अगर केंद्र सरकार उसका निजीकरण करेगी तो विरोध तो होगा। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की विनिवेशीकरण की नीति का भी विरोध किया। मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ स्थित एनएमडीसी के चार आयरन ओर की खदानों की लीज का नवीनीकरण करते हुए अगले 20 वर्ष तक उत्खन्न् की मंजूरी दी है।
निवेशकों को दिया न्योता
इससे पहले शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का 9वां बड़ा राज्य है। हमारी आबादी 2.80 करोड़ और 40 फीसद वन क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि अब तक हमारे यहां कोर सेक्टर में ही उद्योग स्थापित हुए हैं। बघेल बताया राज्य में इको- टूरिज्म, खाद्य प्रसंस्करण, वनोपज, स्वास्थ्य, होटल, वस्त्र उद्योग समेत अन्य सेक्टरों में निवेश की बड़ी संभावना है। उन्होंने बताया कि सरकार ने नई उद्योग नीति लागू की है।