जगदलपुर – एंबुलेंस आने में देरी, मजदूर की मासूम बिटिया की मौत

 जगदलपुर। सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ के ग्राम पंचायत कुन्ना के ग्राम धनिकोड़ता में परिजनों की अज्ञानता और एम्बुलेंस आने में देरी की वजह से मजदूर की मासूम बिटिया की मौत हो गई है। रोजगार गारंटी योजना के मजदूर विरेन्द्र की एक वर्षीय बिटिया मानती को दो दिन पहले हल्का सा बुखार आया। रविवार को अचानक बुखार तेज आने पर वे अपने गांव मे सिरहा बड्डे के पास उसका झाड़ फूंक करवाने को लेकर गए। इस बात की जानकारी

इसी गांव के 11वीं के छात्र बामन मुचाकी जो छिंदगढ में अध्ययनरत है को पता चली, जो शीतकालीन्र छुट्टियों पर अपने घर धनिकोड़ता आया हुआ था। उसने विरेन्द्र व उस की पत्नि को समझाया कि उसकी बिटिया को बहुत तेज बुखार है इसे मलेरिया भी हो सकता है जो अस्पताल जाने पर ही ठीक होगा, झाड़फूंक से नहीं।

मजदूर विरेन्द्र ने अपने घर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छिंदगढ जो लगभग 60 किमी की दूरी पर है कोई साधन नही होने की बात बामन को बताई, जिस पर बामन ने 108 आपातकालीन चिकित्सा सेवा के एम्बुलेंस अधिकारी से बात कर एम्बुलेंस भेजने को कहा।

छिंदगढ में एम्बुलेंस न होने पर जिला से एम्बुलेंस भेजी गई परन्तु जिला मुख्यालय से धनीकोड़ता की दूरी लगभग 80 किमी व सड़कों की भी हालत बहुत जर्जर व मार्ग में पड़ने वाली नदियों में पुल भी न होने की वजह से एम्बुलेंस आने में देर हो गई व उस नन्ही सी जान की असमय मृत्यु हो गई।

बिलखती रही मां, आंखों के सामने बच्ची ने तोड़ा दम

बामन ने बताया कि मृत बच्ची की मां अपनी बिटिया की बिगड़ती हालत को देखकर रोती बिलखती उसे अस्पताल ले जाने हेतु एम्बुलेंस का इंतजार करती रही व इस नन्ही सी जान ने अपनी रोती बिलखती मां के आंचल में दम तोड़ दिया।

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