राजनांदगांव-दुर्ग के बीच बाघ दिखने से दहशत, एरिया सील कर खोजबीन जारी

राजनांदगांव। दुर्ग जिले की सीमा पर राजनांदगांव और दुर्ग के बीच बने मनगटा वन चेतना केंद्र के बाहर बाघ देखा गया है। जंगल से कोसों दूर आबादी क्षेत्र में बाघ दिखने से जहां ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है, वहीं पुलिस और वन अमला ने संयुक्त सर्चिंग अभियान शुरू कर दी है। ग्रामीणों के हवाले से वन अधिकारियों ने बताया है कि सड़क पर चलते बाघ को देखकर एक ग्रामीण ने मोबाइल से फोटो खींचा और वन विभाग को यह फोटो उपलब्ध कराया। यह वाकया शुक्रवार-शनिवार रात की है। सुबह जब वन अमले ने मौके पर जाकर देखा तो बाघ के पदचिन्ह भी मिला। इससे बाघ के विचरण की पुष्टि हो गई।

सड़क पर चलते बाघ को देखकर ग्रामीण घबरा गए और वन अमले को रहवासी क्षेत्र में बाघ के विचरण की जानकारी दी। वन विभाग ने पुष्टि करते हुए बताया कि वयस्क टाइगर को अभी तक ट्रेस नहीं किया जा सका है। मौके पर अमला जुटा हुआ है। फॉरेस्ट गार्ड के अलावा पुलिस फोर्स और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे हैं।

डीएफओ जीपी सिंह ने बताया मनगटा से लगे झुरा डबरी गांव के पास बाघ के पदचिन्ह मिले हैं। इसी आधार पर वन विभाग की टीम लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है। रहवासी क्षेत्र और आसपास के 10 किमी की परिधि में जंगल नहीं है।

शहर की घनी आबादी होने के कारण एहतिहात के तौर पर ड्रोन कैमरे की मदद से टाइगर को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए ड्रोन कैमरा भी मंगाया है। एक बार लोकेशन ट्रेस होने के बाद बाघ को पकड़ने के लिए अलग-अलग स्थानों पर पिंजरा लगाने की योजना है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि बाघ इस क्षेत्र में कैसे पहुंचा? क्षेत्र में जंगल भी नहीं है, तब बाघ का अचानक दिखना आश्चर्यजनक और चिंताजनक है।

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