नई दिल्ली। मोदी सरकार साल 2019 के अंत में लाखों पेंशनधारियों के लिए उपहार लेकर आई है। श्रम मंत्रालय ने कहा है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के कर्मचारी पेंशन योजना के तहत अपने पेंशन के अकाउंट से एक बार में आंशिक निकासी यानी ‘कम्युटेशन’ की सुविधा 1 जनवरी 2020 से प्राप्त कर सकेंगे। तकरीबन 6.3 लाख पेंशनभोगियों ने अपनी पेंशन निकासी का विकल्प चुना था और 2009 से पहले रिटायरमेंट के समय उन्हें पेंशन मद में जमा राशि में से कुछ हिस्सा एक मुश्त निकालने की अनुमति मिल गयी थी। ईपीएफओ ने 2009 में पेंशन कोष में से निकासी के प्रावधान को वापस ले लिया था। जानकारी के मुताबिक “श्रम मंत्रालय कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन ‘कम्युटेशन’ सुविधा लागू करने के ईपीएफओ के निर्णय के क्रियान्वयन को लेकर एक जनवरी 2020 को अधिसूचना जारी करेगा.”
इस व्यवस्था के तहत पेंशनधारकों को अग्रिम में पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त दे दिया जाता है। उसके बाद अगले 15 साल के लिये उसकी मासिक पेंशन में एक तिहाई की कटौती की जाती है। 15 साल बाद पेंशनभोगी पूरी पेंशन लेने के लिये पात्र होते हैं।
EPFO का फैसला लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 21 अगस्त 2019 को हुई बैठक में इस सुविधा का लाभ लेने वाले 6.3 लाख पेंशनभोगियों को ‘कम्युटेशन’ प्रावधान बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष श्रम मंत्री हैं। EPFO की एक समिति ने आंशिक निकासी के 15 साल बाद पेंशन राशि बहाल करने को लेकर EPFC-95 में संशोधन की सिफारिश की थी। पेंशन ‘कम्युटेशन’ को बहाल करने की मांग थी। इससे पहले, EPS-95 सदस्यों को 10 साल के लिये पेंशन मद में से एक तिहाई राशि निकालने की अनुमति थी। इसे 15 साल बाद बहाल किया गया है. यह सुविधा सरकारी कर्मचारियों के लिये पहले से चली आ रही है।