दुनियाभर के 40 फीसदी माता-पिता अपने बच्चों के इंटरनेट पर समय बिताने यानी ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में जरा भी फिक्र नहीं करते। ये अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों या इंटरनेट के इस्तेमाल पर नियंत्रण करने की जरूरत महसूस नहीं करते। हाल ही में एक साइबर सिक्योरिटी फर्म की ओर से किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। इस स्टडी के अनुसार, 70 फीसदी माता-पिता का अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नियंत्रण ही नहीं है।
इस अध्यययन के अनुसार, 57 फीसदी पिता को अपने बच्चों पर भरोसा है। उनके अनुसार, उनके बच्चे जानते हैं कि मोबाइल डिवाइस से कब ब्रेक लेना है। वहीं इस मामले में 48 फीसदी मां ही ऐसी हैं, जो अपने बच्चों पर भरोसा कर पाती हैं। 51 फीसदी माता-पिता ने माना कि बच्चे उनके काम में खलल न दें, इसलिए वे बच्चों को मोबाइल उपयोग की अनुमति दे देते हैं।
कैस्परस्की(kaspersky) की मार्केटिंग हेड मारिना तितोवा के अनुसार यह एक तरह का जोखिम हो सकता है, क्योंकि ऑनलाइन एप्लिकेशन के साथ बच्चों का समय बिताना और इंटरनेट का ज्यादा उपयोग करना खतरनाक है। इंटरनेट पर काफी कुछ कंटेेंट ऐसे होते हैं जो बच्चों के लिए निगेटिव होते हैं।
तितोवा का कहना है कि इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं बच्चों को उनकी पसंदीदा कंटेंट की एक विस्तृत रेंज देती है। ऐसे में बच्चे इंटरनेट पर काफी लंबा वक्त बिताते हैं। उनका मानना है— बच्चों को यह भी ध्यान दिलाना चाहिए कि वास्तविक दुनिया और भी ज्यादा आकर्षक है और करने को काफी कुछ है। बशर्ते माता-पिता अपना समय बच्चों को देने के लिए तैयार हैं।
कंपनी पूरे परिवार के लिए मोबाइल और इंटरनेट इस्तेमाल का नियम बनाने का सुझाव देती है। सुझाव है कि पूरे परिवार के लिए ही नियम बनाए जाएं, जैसे कि
- खाने के दौरान कोई मोबाइल उपयोग नहीं करना
- सोने जाते समय मोबाइल को अलग रखा जाए
- या फिर इसका कम से कम उपयाेग करें