जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में रविवार को छात्रों के दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। छात्रसंघ ने मारपीट व तोडफोड़ के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि एबीवीपी का कहना है कि यह सब लेफ्ट ने किया है। इस घटना ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक नया मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस घटना को लेकर गृह मंत्री से जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जेएनयू विश्वविद्यालय के छात्राओं के होस्टल में रात को घुस कर एबीवीपी के गुंडों द्वारा जो मारपीट की है उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। दिल्ली पुलिस देखती रही। क्या भारत के गृह मंत्री पर जवाबदारी नहीं बनती? गृह मंत्री या तो इन गुंडों पर सख्त कार्रवाई करें या इस्तीफा दें।’
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने घटना को लेकर कहा, ‘जेएनयू हमला इन बातों को साबित करता-
1. जेएनयू कैंपस पर हमला पूर्व नियोजित था।
2. हमले को जेएनयू प्रशासन का समर्थन प्राप्त था।
3. गुंडे भाजपा से संबंधित हैं।
4. दिल्ली पुलिस एक मूकदर्शक थी क्योंकि छात्रों-शिक्षकों को पीटा गया था।
क्या यह गृह मंत्री के अन्तर्हित समर्थन के बिना हो सकता है?’
कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जेएनयू हिंसा को लेकर तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘वाट्सएप संदेशों की सामग्री जिसमें
घुसपैठियों द्वारा लगाए गए (नकली) राष्ट्रवाद के नारे और वामपंथ के खिलाफ अत्यधिक भड़काऊ और उकसाने वाली टिप्पणी से साफ हो जाता है कि जेएनयू में गुंडागर्दी करने वाले और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच संबंध है।’
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘बंद करो छात्रों पर यह अत्याचार, जेएनयू में हिंसा बंद करो मोदी सरकार।’ वहीं तीसरे ट्वीट में लिखा, ‘ताकत का नशा अक्ल पे हावी है तुम्हारी, तुम देख न पाओगे जो हम देख रहे हैं।- अमीर इमाम’