देश आज 16वां प्रवासी भारतीय दिवस मना रहा है। दुनिया भर में बसे प्रवासियों से नाता जोड़ने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। नौ जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे, इसीलिए प्रवासी भारतीय दिवस नौ जनवरी को मनाया जाता है।
प्रवासी भारतीय देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ ही विदेशों में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक भी हैं। विश्व बैंक ने ‘माइग्रेशन एंड रेमिटेंस’ नाम की एक रिपोर्ट के मुताबिक अपने देश में विदेशी मुद्रा भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी सबसे आगे हैं। रिपोर्ट बताती है कि प्रवासी भारतीयों ने साल 2018 में 80 अरब डॉलर (57 हजार करोड़ रुपए) भारत भेजे।
28 साल में 90 लाख से 3.12 करोड़ हुए प्रवासी
देश के बाहर रहने भारतीयों की संख्या पिछले 28 साल में 346 फीसदी बढ़ी है। 1990 में विदेश में रहने वाले भारतीयों की संख्या 90 लाख थी। यह अब बढ़कर 3.12 करोड़ तक पहुंच गई है। वहीं इस दौरान प्रति व्यक्ति आय 522 फीसदी बढ़ी है। इसका आंकड़ा 1,134 डॉलर से बढ़कर 7,055 डॉलर तक पहुंच गया है।
आमदनी बढ़ने का असर यह हुआ है कि जिन्हें देश में मनमाफिक नौकरी नहीं मिल पाती है वे विदेश का रुख करने लगे हैं। यह जानकारी इंडियास्पेंड द्वारा यूएन के आर्थिक विभाग के आंकड़ों के विश्लेषण से सामने आई है।
वहीं एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 6 साल में विदेश में रहने वाले अकुशल (अनस्किल्ड) भारतीयों की संख्या 39 फीसदी की कमी आई है। 2011 में इनकी संख्या 6.37 लाख थी। यह 2017 में घटकर 3.91 लाख रह गई। यह आंकड़े उन अनस्किल्ड भारतीयों के हैं जो इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड पासपोर्ट पर मध्य-पूर्व या दक्षिण एशिया में नौकरी के लिए देश छोड़कर गए हैं।
200 देशों में करीब तीन करोड़ प्रवासी भारतीय
दुनिया के 200 देशों में रह रहे करीब तीन करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीय विभिन्न देशों में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। एक ओर विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में उनके योगदान की तारीफ की जा रही है। तो दूसरी ओर कम कुशल और कम शिक्षित प्रवासी कामगार भी खाड़ी देशों सहित कई मुल्कों में विकास के सहभागी बन गए हैं। खाड़ी देशों में अकुशल और मामूली शिक्षित प्रवासी भारतीय कामगारों ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी क्षमता को साबित किया है।
अमेरिका में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय
अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का भारी दबदबा है। अमेरिका में करीब 17 लाख लोग भारतीय मूल के हैं। ये कुल अमेरिकी आबादी का करीब 0.6 फीसदी हैं। यहां रहने वाले भारतीय बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे, बहुत ज्यादा जागरुक और बहुत ज्यादा कमाने वाले लोग हैं। इतना ही नहीं अमेरिका में यह एक राजनीतिक ताकत के रूप में उभर के आए हैं। भारतीयों की योग्यता और क्षमता अन्य देश के नागरिकों से ज्यादा है।
अमेरिका में भारतीयों का आंकड़ा हैरान करनेवाला
बात नासा में काम कर रहे वैज्ञानिकों की हो या फिर डॉक्टरों की या बात करें कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की अमेरिका में बसने वाला हर दूसरा भारतीय ही मिलेगा। इसीलिए यह दिलचस्प हो जाता है जानना कि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में काम करने वाले लोगों में 36 फीसदी भारतीय हैं।
इसी तरह अमेरिका में कार्यरत डॉक्टरों में से 38 फीसदी और वैज्ञानिकों में 12 फीसदी भारतीय हैं। अमेरिका-भारत वाणिज्य मंडल के अनुसार कंप्यूटर क्रांति लाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में भारतीयों की संख्या 34 फीसदी है। इसी तरह आईबीएम के 28 फीसदी और इंटेल के 17 फीसदी कर्मचारी भारतीय हैं।
प्रोफेशनल ही नहीं भारतीय मजदूरों का भी है दबदबा
1990 से 2017 के बीच लगभग तीन दशक के समय में कतर में रहने वाले भारतीयों की संख्या 803 गुना बढ़ी है। यह 1990 के 2,738 की तुलना में बढ़कर 22 लाख तक पहुंच गई है। यह बढ़ोतरी किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है।
सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय खाड़ी देशों में रहते हैं। खाड़ी देशों में करीब 30 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं। ब्रिटेन में करीब 10 लाख प्रवासी भारतीय हैं। कनाडा में करीब डेढ़ लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं। एक अनुमान के मुताबिक खाड़ी देश में रहने वाले 70 फीसदी प्रवासी भारतीय यानी करीब 21 लाख लोग खाड़ी देशों में मेहनत-मजदूरी करके जीवन चला रहे हैं।
अकुशल भारतीय कामगार
विश्व भर में काम कर रहे अकुशल भारतीय कामगार की वास्तविक संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है, क्योंकि भारतीय विदेश मंत्रालय केवल प्रवासी भारतीयों और इमिग्रेशन जांच के लिए पहुचने वाले लोगों की संख्या को ही गिनता है। जबकि बड़ी संख्या में लोग अवैध तरीके से भी विदेश जाते हैं।
इन देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय
देश |
प्रवासी भारतीयों की संख्या |
अमेरिका |
46 लाख |
यूएई |
31 लाख |
मलेशिया |
29 लाख |
सऊदी अरब |
28 लाख |
म्यांमार |
20 लाख |
स्त्रोत- विदेश मंत्रालय (दिसंबर 2018)
इन देशों में काम करते हैं सबसे ज्यादा अकुशल भारतीय कामगार
देश |
अकुशल भारतीय कामगारों की संख्या |
यूएई |
112059 |
सऊदी अरब |
72399 |
कुवैत |
57613 |
ओमान |
36037 |
कतर |
34471 |
स्त्रोत- संसदीय प्रश्नोत्तर (फरवरी 2019)
विदेशों में रहते हैं इन राज्यों के सबसे ज्यादा अकुशल कामगार
राज्य |
अकुशल भारतीय कामगारों की संख्या |
उत्तर प्रदेश |
86273 |
बिहार |
59181 |
तमिलनाडु |
31588 |
राजस्थान |
30272 |
पश्चिम बंगाल |
28648 |
स्त्रोत- विदेश मंत्रालय