रायपुर. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में ही राज्य निर्वाचन आयोग के दावों की पोल खुल गई. मंगलवार को मतदान केंद्रों में भारी अव्यवस्था देखी गई. मतदाताओं को दिनभर कड़ी धूप में कड़े होने को मजबूर होना पड़ा. मतदान केंद्र में न तो पेयजल की व्यवस्था थी और न छाया की. इस लचर व्यवस्था को देखकर मतदाता काफी आक्रोशित थे. उन्होंने इसके लिए आयोग को जमकर कोसा. केंद्र में मतदाताओं को किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी जा रही थी. यह नजारा आरंग के शासकीय प्राथमिक शाला उमरिया में देखने को मिला. यहां की अव्यवस्था को लेकर जब पीठासीन अधिकारी को पूछा गया तो उन्होंने पुलिस को आगे कर दिया और अपना पल्ला झाड़ दिया.
रायपुर. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में ही राज्य निर्वाचन आयोग के दावों की पोल खुल गई. मंगलवार को मतदान केंद्रों में भारी अव्यवस्था देखी गई. मतदाताओं को दिनभर कड़ी धूप में कड़े होने को मजबूर होना पड़ा. मतदान केंद्र में न तो पेयजल की व्यवस्था थी और न छाया की. इस लचर व्यवस्था को देखकर मतदाता काफी आक्रोशित थे. उन्होंने इसके लिए आयोग को जमकर कोसा. केंद्र में मतदाताओं को किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी जा रही थी. यह नजारा आरंग के शासकीय प्राथमिक शाला उमरिया में देखने को मिला. यहां की अव्यवस्था को लेकर जब पीठासीन अधिकारी को पूछा गया तो उन्होंने पुलिस को आगे कर दिया और अपना पल्ला झाड़ दिया.
वहीं कड़ी धूप में लंबी लाइन में लगी दर्जनों महिला मतदाता ने कहा कि चाहे जितने घंटे धूप में खड़ा रहना पड़े आज मतदान करके ही जाएंगे, क्योंकि हमारे यहां बहुत ही ज़्यादा समस्या है. बरसात के दिनों में कीचड़ में चल भी नहीं सकते. इतना ज़्यादा परेशान रहते हैं कि स्कूल 7 किलोमीटर से दूर है. मेन हाईवे से होकर बच्चों को जाना पड़ता है. गांव में सड़क नहीं है, शौचालय के नाम पर खानापूर्ति किया गया है. इन सभी समस्याओं से परेशान हैं. अच्छे प्रतिनिधि के लिए मतदान करके ही जाएंगे, लेकिन यहां कड़ी धूप में पीने के लिए पानी नहीं है लेकिन क्या करें हमारी मजबूरी है.
इस अव्यवस्था को लेकर जब पीठासीन अधिकारी से बात करने की कोशिश की, लेकिन पीठासीन अधिकारी ने नियम कानून का हवाला देकर सुरक्षा में तैनात पुलिस जवान को आगे कर अपना पल्ला झाड़ा लिया.