तिहाड़ की जेल नंबर 3 के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद निर्भया से दरिंदगी के चारों दोषियों की नींद उड़ गई है। शुक्रवार रात ये सभी काफी बेचैन दिखे और सेल में चहलकदमी करते रहे। जेल सूत्रों की मानें तो दोषियों को एहसास हो गया है कि कानूनी तिकड़म के बावजूद उनकी जिंदगी अब ज्यादा दिनों की नहीं रह गई है।
चारों दोषियों को शनिवार को फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारंट था। शुक्रवार को जेल प्रशासन ने दोषी विनय को छोड़कर बाकी तीन को फांसी दिए जाने को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका लगा दी थी। इससे तीनों के होश उड़े हुए थे। जेल सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह से ही सभी दोषी बेचैन थे। शुक्रवार को ही जेल प्रशासन ने पवन और मुकेश के परिवार वालों को अंतिम मुलाकात की बात कहकर बुला लिया था।
विनय के परिवारवाले भी आए थे। सभी दोषी अपने परिवारों से उसी तरह मिले, जैसे उनकी अंतिम मुलाकात हो। परिवार के सभी सदस्य दोषियों को गले लगाकर रो रहे थे। उधर, अक्षय के परिवार से बिहार से कोई नहीं आया था।
जेल सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम फांसी पर रोक लगाने के आदेश की जानकारी मिलने पर भी दोषियों के चेहरे के हाव-भाव में कोई अंतर नहीं दिखा। रात में चारों ने ठीक से खाना भी नहीं खाया। मौत का खौफ उनके चेहरे पर साफ दिख रहा है। जेल के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उन्हें भी इस बात का अहसास हो गया है कि अब ज्यादा दिन तक वे कानूनी तिकड़म के सहारे नहीं बच सकते।
दोषी अक्षय ने भी राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका
विनय की दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया के एक अन्य दोषी अक्षय ने भी राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाकर सजा कम करने की गुहार लगाई है। बुधवार को विनय ने राष्ट्रपति के पास याचिका भेजी थी। इसमें उसने लिखा था कि वह अब जीना चाहता है। शनिवार को राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी। इसके बाद जेल प्रशासन एक बार फिर पटियाला हाउस अदालत में दोषियों की फांसी की तारीख के लिए गुहार लगाई। इसी बीच, अक्षय की ओर से दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी गई।