रायपुर, 5 फरवरी 2020
छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा राज्य के समृद्ध जैवविविधता क्षेत्र की पहचान तथा संवर्धन के लिए गठित समिति की बैठक 4 फरवरी को नवा रायपुर अटल नगर स्थित अरण्य भवन में आयोजित हुई। यह बैठक मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य की जैवविविधता को अभिलेखित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
बैठक में समिति के अध्यक्ष और पूर्व सचिव भारत सरकार एवं पूर्व अपर मुख्य सचिव (वन) छत्तीसगढ़ श्री के.के. चक्रवर्ती, राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश चतुर्वेदी की उपस्थिति में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में लिए गए निर्णयों से छत्तीसगढ़ राज्य में उपलब्ध वृहद जैवविविधता के संरक्षण, अभिलेखीकरण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रत्येक जैवविविधता प्रबंधन समिति (बी.एम.सी.) और लोक जैवविविधता पंजी (पी.बी.आर.) के निर्माण को सार्थक दिशा भी मिलेगी। बैठक में पारंपरिक ज्ञान पद्धति तथा बौद्धिक सम्पदा अधिकार अनुसंधान, जैव सर्वेक्षण तथा जैव प्रयोग, लक्षण वर्णन सूचीबद्ध करने संबंधी कार्यों पर चर्चा हुई। इसके अलावा जैवआमापान, व्यवसायिक उपयोग तथा लाभ साझा करना, जैव विविधता की विरासत, पहचान, संरक्षण और संबंधित स्थलों की सुरक्षा तथा इनके प्रबंधन दृष्टिकोण आदि विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में आयुक्त संस्कृति विभाग श्री ए.के. साहू, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति श्री एस.के. पाटील, छत्तीसगढ़ कृषि विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री अतुल कुमार शुक्ला, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री तपेश कुमार झा, कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री व्ही. श्रीनिवासराव, कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रोफेसर डॉ. मोहन सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एम.टी. नंदी सहित समिति के सदस्य, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक, वन मंडलाधिकारी, उप वन मंडलाधिकारी तथा वन क्षेत्रपाल उपस्थित थे।