नई दिल्ली
भारतीय रेलवे अगले कुछ बरसों में 1 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कई सारी नई ट्रेनें चलाने का प्लान है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की ओर से उठती मांगों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बड़े अपग्रेड का हिस्सा है जिसका मकसद यात्रियों और माल ढुलाई के लिए ट्रेनों की उपलब्धता को बढ़ाना है। उन्होंने कहा, 'हम पुराने रोलिंग स्टॉक को बदलना चाहते हैं। इसके लिए 7000-8000 नए ट्रेन सेट की जरूरत होगी। इसे लेकर अगले 4-5 सालों में टेंडर जारी होंगे। इसमें करीब 1 लाख करोड़ रुपये में ट्रेनों की खरीद वाले टेंडर शामिल हैं। अगले 15 साल में हम पुराने रोलिंग स्टॉक को पूरी तरह बदलना चाहते हैं।'
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे वित्त वर्ष 24 के लिए अपने 2.4 लाख करोड़ रुपये के बजट का 70% इस्तेमाल कर चुका है। उन्होंने कहा कि ट्रैक बिछाने वाले प्रोजेक्ट की प्रगति योजना के तहत चल रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, '2030 तक आर्थिक विकास के मौजूदा स्तर को पूरा करने के लिए रेलवे में करीब 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।' उन्होंने कहा कि ट्रेनों की प्रस्तावित खरीद में मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट और भारत के भीतर उत्पादन को अनिवार्य करने की शर्तें शामिल होंगी। उन्होंने संरचनात्मक और प्रक्रियात्मक सुधारों का भी जिक्र किया जिससे रेलवे के भीतर पूंजीगत व्यय में तेजी आई। उन्होंने कहा कि कैपिटल बजट विशेष रूप से नवीकरण के लिए निर्धारित किया गया है, जिसमें ट्रेनों, पटरियों, सेफ्टी टेक्नोलॉजी और स्टेशनों जैसे बुनियादी ढांचे की वृद्धि शामिल है।
रेल विकास कौशल योजना को लेकर बड़ी जानकारी
रेल मंत्री वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में 'रेल कौशल विकास योजना' के बारे में अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके तहत नवंबर 2023 तक कुशल हो चुके 26,000 से अधिक उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे की नौकरियों में कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। वैष्णव ने कहा कि यह योजना सितंबर 2021 में शुरू की गई थी और इसके तहत नवंबर 2023 तक 26,791 उम्मीदवारों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। भाजपा के सदस्य नारायण कोरगप्पा की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने यह जानकारी दी।