रायपुर : छत्तीसगढ़ की लोक परम्परा एवं जनजीवन में रचे-बसे मूल त्यौहारों पर सामान्य शासकीय अवकाश की घोषणा से प्रदेश में अभूतपूर्व उत्साह है। राज्य सरकार द्वारा विश्व आदिवासी दिवस, हरेली, तीजा, कर्मा जयंती के अवसर पर शासकीय अवकाश देने की घोषणा की गई है। राज्य सरकार के निर्णय से प्रसन्न छत्तीसगढ़ के लाखों लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं भेज रहे हैं और इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दे रहे हैं।
ट्विटर पर श्री योगेश शर्मा ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता का यह अद्भुत उदाहरण है। यहां सवाल छुट्टी का नहीं है, बल्कि ऐसी घोषणा हमारे छत्तीसगढ़ी की तीज-त्यौहारों की मान्यता है, नई पीढ़ी अब इन सबसे परिचित हो सकेगी।
सोशल मीडिया में अभूतपूर्व उत्साह, लोग एक-दूसरे को दे रहे हैं शुभकामनाएं
छत्तीसगढ़ की महिलाओं के सबसे बड़े त्यौहार तीजा पर अवकाश घोषित होने से बेटियों में हर्ष व्याप्त हैं। छत्तीसगढ़ में शेष भारत की तुलना में तीजा की विशिष्ट परम्परा है। छत्तीसगढ़ में माताएं-बहनें तीज मनाने के लिए ससुराल से मायके आती है, पोरा त्यौहार के बाद पिता या भाई बेटियों को तीजा मनाने लिवाकर मायके लाते है। फेसबुक पर रत्ना पाण्डे ने तीजा पर पहली बार अवकाश की घोषणा पर सभी तिजहारिनों को शुभकामनाए देते हुए मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ सरकार का आभार माना है।
अंशु अतुल मढ़रिया ने फेसबुक पर लिखा है राज्य निर्माण के इतने वर्षों बाद छत्तीसगढ़ी त्यौहारों पर अवकाश घोषित करके छत्तीसगढ़ की संस्कृति का मान बढ़ाने एवं छत्तीसगढ़िया लोगों की भावनाओं का ध्यान रखने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। डाॅ. विजय प्रकाश पाठक ने फेसबुक पर लिखा है कि छत्तीसगढ़ी त्यौहारों की श्रृंखला में हरेली पहला एवं छेरछेरा-पुन्नी आखिरी त्यौहार है। छेरछेरा-पुन्नी को धान दिवस के रूप में मान्यता देना चाहिए तथा केरल में मनाये जाने वाले नारियल दिवस की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में धान उत्सव मनाया जाना चाहिए।