रायगढ़ : रेडियो किसान दिवस पर नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के संबंध में किसानों को दी गई जानकारी : वैज्ञानिकों ने किसानों को दिए उन्नत खेती के गुर

आय दोगुनी करने की थीम पर आकाशवाणी का किसानवाणी प्रभाग कर रहा कार्य
जल प्रबंधन, हाईटेक टमाटर उत्पादन पर हुई विशेष चर्चा

रायगढ़, 22 फरवरी 2020

आकाशवाणी परिसर में आयोजित रेडियो किसान दिवस के अवसर पर उपस्थित किसानों को वैज्ञानिकों ने उन्नत खेती के तरीके बताए और साथ ही जल प्रबंधन, हाईटेक टमाटर उत्पादन पर विशेष चर्चा भी हुई। किसानों को प्रदेश के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी कार्यक्रम पर की जानकारी दी गई।
आकाशवाणी का किसानवाणी प्रभाग किसानों की आय दोगुनी करने की थीम पर कार्य कर रहा है।  इसके लिए रेडियो के माध्यम से नये-नये तरीके बताए जाते हैं और विशेषज्ञों द्वारा जानकारी भी दी जाती है।  साथ ही उन्नतशील किसानों के अनुभवों को भी रेडियो के माध्यम से साझा किया जाता है।  इसी कड़ी में आकाशवाणी परिसर में रेडियो किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके पूर्व मां भारती की छायाचित्र पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गई और कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद किसानवाणी प्रभाग के प्रभारी अधिकारी शशि प्रकाश पांडेय ने इस दिवस के उद्देश्य और थीम की जानकारी दी।
कार्यक्रम में उपस्थित पशु चिकित्सक डॉ.पी.एल पटेल ने पशु संवर्धन और उसके फायदे की जानकारी किसानों को दी। उन्होंने गुजरात में पशुपालन का उदाहरण देते हुए किसानों को गाय और भैंस पालन का महत्व बताये। उन्होंने नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर पशुपालन करने की नसीहत दी। इस दौरान प्रभारी सहायक संचालक उद्यान श्री एस.पटेल ने हाईटेक टमाटर की खेती की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सबसे ज्यादा फायदे वाली खेती है। अर्ली और लेट  खेती के फायदे बताए। साथ ही फूूल की खेती से होने वाले लाभ की जानकारी भी दी। एडीए श्री हरिशंकर राठौर ने जल प्रबंधन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने खेती के लिए पानी की उपयोगिता और उसके प्रबंधन पर विशेष चर्चा की। इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के सीनियर मृदा वैज्ञानिक डॉ एस.पी. सिंह द्वारा अम्लीय होते मिट्टी पर चिंता व्यक्त की गई और उसके सुधार के उपाए बताए। इन्होंने समन्वित खेती की महत्व के बारे में जानकारी भी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र के ही पादप रोग के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. अजीत कुमार सिंह ने फसल विविधिकरण के बारेे में जानकारी दी। उन्होंने मसाला फसलों से सतत् आय के बारे मे जानकारी दी। खूबचंद बघेल पुरस्कार से सम्मानित विजय यादव ने किसानों की समस्याओं पर चर्चा की और उसके निदान के लिए अधिकारियों को आगे आने की मांग की। ऐसे ही खूबचंद्र बघेल पुरस्कार पाने वाले उन्नतशील किसान खीरसागर पटेल ने खेती में नवाचार से उत्पादन व गुणवत्ता पर जोर देने की बात कही। दलहन पर जिला स्तर पर पुरस्कृत किसान मुरारी महाणा ने दलहन उत्पादन पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
वृक्षों की भूमिका पर चर्चा
एसएडीओ डीएस तोमर ने कहा कि मृदा और पर्यावरण की संरक्षण में वृक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में इसका संरक्षण आवश्यक है। श्री तोमर ने कहा कि ज्यादा उत्पादन के लिए खेतों में बेहिसाब डाली जा रही रासायनिक खाद पर्यावरण और मिटटी दोनों को नुकसान कर रहा है। इसके कारण जो रासायनिक खाद उपयोग की जा रही है उसके लिए किसानों को जानकारी होना आवश्यक है। इस दौरान ग्रा.कृ.वि. अधिकारी तमनार यूएन नगाईच, शिवचरण दिवाकर, प्रगतिशील किसान हेतराम मालाकार, ननकी दाउ साहू, युवा किसान सीताराम पटेल, विनित प्रधान ने भी संबोधित किया और उत्पादन तकनीकी की बात बताई, रेडियो किसान दिवस पर विभिन्न ब्लॉकों से दर्जनों किसान यहां पहुंचे थे।
कार्यक्रम में रमाशंकर शुक्ला, किसानवाणी प्रभाग के कंपीयर मुकेश चतुर्वेदी, स्वतंत्र महंत, रामविलास पटेल, दिलीप चौधरी, वेणुधर पटेल, चवल पटेल, श्रीमती रेणुका प्रधान, अनुसईया साहू, श्रीमती शशी पटेल, सुशील प्रधान, अजय श्रीवास, धवल किशोर गुप्ता मौजूद थे। एसएडीओ आर.एन. साहू ने सभी का आभार प्रकट किया।

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