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उत्तर पूर्वी दिल्ली में छिटपुट वारदातों को छोड़कर बुधवार को ज्यादातर इलाकों में शांति रही। हालांकि 15 और लोगों की मौत के बाद मरने वालों का आंकड़ा 28 हो गया है। वहीं, 250 से अधिक लोग घायल हैं, इनमें 30 की हालत नाजुक है। मृतकों में आईबी के जवान अंकित शर्मा भी हैं।
इस बीच, हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए बेहद सख्त टिप्पणियां की। दूसरी ओर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने खुद मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर गृहमंत्री अमित शाह को स्थिति से अवगत कराया।
हिंसाग्रस्त इलाकों में बुधवार को अघोषित कर्फ्यू रहा। ब्रह्मपुरी रोड से घोंडा चौक, नूर-ए-इलाही चौक, यमुना विहार के चप्पे-चप्पे पर आईटीबीपी और सीआरपीएफ तैनात रही। करावल नगर रोड, बृजपुरी रोड, शिव विहार, मुस्तफाबाद, मौजपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, ज्योति नगर, मौजपुर, गोकलपुरी, चांदबाग, वेलकम आदि इलाकों में भी पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात रहा। करावलनगर में बुधवार सुबह उपद्रवियों ने एक दुकान और कार में आग लगा दी।
मंगलवार रात शिव विहार, चमन पार्क और बृजपुरी रोड के हालात सबसे ज्यादा खराब रहे। खजूरी खास के ई और सी ब्लॉक में 50 से अधिक दुकानों, घरों व फैक्टरियों को जला दिया गया। बृजपुरी रोड पर अरुण सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चमन पार्क में राजधानी पब्लिक स्कूल और डीआरपी पब्लिक स्कूल के अलावा कई धार्मिक स्थलों, मकानों, दुकानों को आग के हवाले किया गया। 100 से अधिक वाहन फूंके गए। तीन दिन में 800 से अधिक दुकानों, मकानों, फैक्टरियों और हजारों छोटे-बड़े वाहन फूंके गए हैं।