ह्रदय में छेद और नवजात शिशुओं के फेफड़ों की बीमारियों का इलाज: महत्वपूर्ण जानकारी

शिशुओं के जन्म लेते ही या कुछ घंटों या दिनों के बाद मृत्यु हो जाने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। जाहिर है ऐसा होना किसी भी पेरेंट्स के लिए सबसे दुखद स्थिति होती है। कई बार समझ ही नहीं आता है कि ऐसे कैसे हो गया। कई बार पूरी प्रेगनेंसी बिना किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के पूरी हो जाती है लेकिन फिर भी इस तरह की स्थिति पैदा हो जाती है।

ऐसी ही एक दर्दनाक स्थिति का सामना रजनीश सिंह को और उनके परिवार को करना पड़ा है। उन्होंने नवभारत टाइम्स को बताया कि उनकी पत्नी को दो बच्चे हुए और दोनों की मृत्यु जन्म के 24 घंटे में हो गई। पहला सितंबर 2022 में हुआ और दूसरा 17 मार्च 2024 को। दोनों को एक समान समस्या ही थी। दूसरे वाले का फेफड़ा विकसित नहीं हुआ और हार्ट में 4mm का होल था। इसका क्या कारण हो सकता है?
इस सवाल का जवाब नोएडा स्थित मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट पीडिअट्रिशन एंड नियोनेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित गुप्ता दे रहे हैं।

जेनेटिक स्क्रीनिंग कराएं

डॉक्टर के अनुसार, यह एक जेनेटिक कारण हो सकता है या शिशु को कोई जेनेटिक सिंड्रोम हो सकता है। अगर हार्ट नहीं बना है, तो संभव है कोई जेनेटिक या अन्य प्रॉब्लम हो सकती है। अगर अगली बार आप बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं, तो मां को किसी जेनेटिक प्रोफेशनल से मिलकर जेनेटिक काउंसलिंग लेनी चाहिए। आपको यह जानना चाहिए कि दोनों बच्चों में हार्ट और लंग्स को लेकर यह समस्या क्यों हुई।

अगली प्रेगनेंसी में सप्लीमेंट के ध्यान रखें

सिर्फ मां को ही नहीं बल्कि पिता को भी जेनेटिक स्क्रीनिंग करानी चाहिए ताकि मूल समस्या का सही से पता चल सके। इसके अलावा मां को सभी तरह के सप्लीमेंट लेने चाहिए, खासकर फोलिक एसिड का ध्यान रखना चाहिए ताकि नर्वस सिस्टम की कोई समस्या न हो। अगर हार्ट औअर लंग्स की दिक्कत है, तो हार्ट के लिए इको टेस्ट कराना चाहिए।

अगली प्रेगनेंसी से पहले सभी जांच कराएं

अगर तीसरे बच्चे की प्लानिंग नहीं की है, तो यह बेस्ट टाइम है आप जेनेटिक स्क्रीनिंग करा लें। अगर उन बच्चो को कोई फोटो, मेडिकल रिपोर्ट या कोई ऐसी गड़बड़ी जो जन्म के 24 घंटों के भीतर देखी गई हों, तो वो सभी चीजें साथ लेकर जाएं। इससे आपको सही समाधान मिल सकता है।

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