कोरोना वायरस से लड़ रहे मानव के रक्त में मौजूद प्लाज्मा में ऐसी एंटीबॉडी विकसित हो सकती हैं जो इस वायरस के खिलाफ जंग में सभी के लिए नया हथियार बन सकती हैं। वैज्ञानिकों इस अनुमान के आधार पर प्लाज्मा थेरेपी परीक्षण शुरू किए हैं।
इन परीक्षण में कोविड-19 की चपेट से बाहर आए मरीजों के रक्त से प्लाज्मा निकालकर बीमार रोगियों को ठीक करने के लिए दिया जा रहा है। अमेरिका और इंग्लैंड में इसे लेकर ट्रायल शुरू हो चुके हैं, वहीं चीन दावा कर रहा है कि उसने इस प्लाज्मा थैरेपी से मरीजों को ठीक किया है। भारत में इसे लेकर अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है।
फरवरी के मध्य में चीन के 20 ऐसे नागरिकों ने अपने प्लाज्मा दान किए जो कोविड-19 से ठीक हो चुके थे। वुहान में उनके इन प्लाज्मा का उपयोग कई मरीजों पर किया गया, जिन्हें उपचार में मदद भी मिली। ये 20 लोग ऐसे डॉक्टर व नर्से थीं जो वायरस की चपेट में आई थीं।