रायपुर : रायपुर जिले में कुपोषण के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुआ है। वर्ष 2012 में कुपोषण की दर 42.09 प्रतिशत से घटकर वर्तमान समय में 20.51 प्रतिशत रह गयी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आज रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय का अवलोकन किया और यहां नवनिर्मित बैठक-कक्ष का लोकार्पण भी किया।
श्रीमती भेंड़िया ने महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित कार्यों और योजनाओं पर आधारित पाॅवरपाइंट प्रजेन्टेशन का अवलोकन करते हुए कहा कि रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए शत प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जा चुके हैं। इसी तरह शहरी इलाकों में भी शत्-प्रतिशत आंगनबाड़ी बनाने का प्रयास है। इसके लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि विभागीय योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए विभागीय अधिकारी-कर्मचारी पूरी जिम्मेदारी, मेहनत और गंभीरता से दायित्वों का निर्वहन करें। महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण से जुड़ा कार्य होने के कारण इसे पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को कुपोषण की समस्या दूर करने के लिए हमें और बेहतर काम करने की जरूरत है।
श्रीमती भेंड़िया ने इस अवसर पर ज्योति, शीतला तथा सीता स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को महिला कोष से स्वीकृत ऋण राशि का चेक वितरित किया। उन्होंने सक्षम योजना के तहत 3 महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बनने के लिए एक-एक लाख रूपए का चेक वितरण किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की पहुंच सीधे अंतिम छोर के व्यक्ति तक है। इनके माध्यम से हमें गांवों तक विकास को पहंुचाना है। आयुक्त सह संचालक श्री जन्मेजय महोबे ने कहा कि यह विभाग परिवार से जुड़ा है, जो हम अपने परिवार के लिए करते हैं वही विभाग के लिए भी करना है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर श्री अशोक पाण्डे ने जिले की विभागीय गतिविधियों, उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मंत्री श्रीमती भेंड़िया को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से कार्यालय में बैठक करने की स्थान की दिक्कत दूर हो गई है।