विश्व मलेरिया दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। कोरोना वायरस की वजह से तो इस उपलक्ष्य में कोई भी कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है, लेकिन इस दिन समुदाय को कोविड-19 से साथ साथ मलेरिया और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा|
सीएमएचओ डां.रामेश्वर शर्मा ने बताया “विश्व मलेरिया दिवस को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना के साथ-साथ मलेरिया से भी बचाव को लेकर आमलोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ हीं जिले के अन्य संबंधित पदाधिकारियों और कर्मियों को भी अपने स्तर से मलेरिया से बचाव संबंधी जानकारी आमलोगों को देने को कहा गया है।“
विश्व मलेरिया दिवस 2020 की थीम है “Zero malaria starts with me” इसका मतलब है कि मलेरिया को खत्म करने के लिए सभी व्यक्तियों को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए और इसकी शुरुआत वो अपने से करें। यानी पहले अपने आसपास इस बीमारी के खतरे को कम करके आगे बढ़े।
मलेरिया के नियंत्रण हेतु वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं। मच्छरों के कारण फैलने वालबीमारी के प्रति लोगों को जागरूक कर इससे बचाव काफी आवश्यक है। जानकारी देते हुए जनसमुदाय से अपील करते हुए जिला मलेरिया नोडल अधिकारी डां आशीष कुमार करन ने कहा ”मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव के लिए सभी को जागरूक रहने की जरूरत है अपने आसपास सफाई रखें गंदगी और जमे हुए जल मे मलेरिया संवाहक मच्छरों के पनपने से यह महामारी का रूप ले लेता हैद्य स्वास्थ्य विभाग को सभी के सहयोग की आवश्यकता है।“
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलेमें पिछले वर्ष 450 मलेरिया के रोगी पाए गएद्य जिले के पांचों विकासखंडो–भरतपुर, सोनहत, खड़गवां, मनेन्द्रगढ़,और बैकुंठपुर मे निर्धारित वार्षिक लक्ष्य (जनवरी से दिसंबर 2019 तक) 1,43,304 की तुलना मे1,35,989 की प्राप्ति कर ली गई जो कुल लक्ष्य का 95 प्रतिशत है जिनमे ब्लड जांच से 1,04,793 और मलेरिया किट जांच से 57,888 लोगो का परीक्षण किया गया है। जांच उपरांत वर्ष भर में कुल 450 रोगी मलेरिया से प्रभावित पाये गये थे।
मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी की वजह से होती है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं और इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है ।मादा एनोफलीज नामक संक्रमित मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में ये वाइरस संचारित होता है। केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो। ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है।
मलेरिया के लक्षण हैं
तेज बुखार,कंपकंपी,पसीना आना,सिरदर्द,शरीर में दर्द,जी मचलना और उल्टी होनाद्य कभी-कभी इसके लक्षण हर 48 से 72 घंटे में दोबारा दिखायी देते हैं।
ऐसे करें रोकथाम:
मच्छर-दानी लगाकर सोएं और ध्यान रखें कि आसपास सफाई हो।
आमतौर पर मलेरिया का मच्छर शाम को ही काटता है।
घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें। मोस्कीटो रिपेलेंट मशीनों का इस्तेमाल करें।
घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं
ऐसे कपड़े पहनें, जिससे पूरी तरह आपका शरीर ढ़के और उसका रंग हलका होना चाहिए।
ऐसी जगह ना जाए, जहां गंदगी हों यापानी इकट्ठा हो क्योंकि वहां मच्छर पनपने का खतरा होता है।
मौसम के बदलते मिजाज से न केवल हमारी सेहत खराब होती हैं बल्कि इन दिनों में मच्छर से फैलने वाली जानलेवा बीमारियां डेंगू-मलेरिया और चिकिनगुनिया का खतरा भी तेजी से बढ़ जाता हैं।
विश्व मलेरिया दिवस…मलेरिया से बचने जनसमुदाय, खुद से करे शुरूआत -डां आशीष करन बैकुंठपुर
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