कोरोना के इलाज में मलेरिया, एचआईवी एड्स, टीबी जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होेने वाली दवा का प्रयोग हो चुका है। अब वैज्ञानिकों ने कैंसर की दवा से वायरस को मात देने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल हो रही कैंसर की दवा से वायरस को वैसे ही फैलने से रोका जा सकता हैं जैसे कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोका जाता है।
कैंसर मरीजों पर ट्रायल पूरा: डॉ. बेट्स के अनुसार कैंसर मरीजों पर इसका ट्रायल हो चुका है। लैब में कोशिकाओं पर भी परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब कोरोना से संक्रमित मरीजों को भी उतनी ही डोज देने की तैयारी है जितनी डोज कैंसर मरीजों को दी गई थी और बेहतर परिणाम दिखे थे। वे कहती हैं कि जल्द अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मंजूरी मिल जाएगी।
शरीर में वायरस घटेगा तो फैलाव भी घटेगा
डॉ. बेट्स का मानना है कि वैक्सीन को आने में कम से कम अभी 12 से 18 महीने का वक्त लग सकता है। इस दवा के जरिए वायरस को शरीर में फैलने से रोका जा सकता है। शरीर में वायरस की मात्रा कम होगी तो गंभीर मामले कम सामने आएंगे। जो लोग बीमार हैं उन्हें भी इस दवा से राहत मिलने की उम्मीद है। शरीर में वायरस की मौजूदगी जितनी कम होगी तो उसका प्रसार भी उतना ही कम होगा।
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