विधानसभा में प्रथम अनुपूरक अनुमान के तहत 4341 करोड़ 52 लाख 31 हजार 510 रूपए की अनुपूरक राशि स्वीकृत

रायपुर : राज्य के मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक अनुमान के तहत अनुदान प्रस्तुत किया। विधानसभा द्वारा ध्वनि मत से 4341 करोड़ 52 लाख 31 हजार 510 रूपए की अनुपूरक राशि स्वीकृत की गई। उल्लेखनीय है कि इस वित्तीय वर्ष में मुख्य बजट का कुल प्रावधान 95 हजार 899 करोड़ 45 लाख रूपए था। प्रथम अनुपूरक सहित बजट का कुल आकार अब बढ़कर एक लाख 241 करोड़ रूपए हो गया है।
 
महालेखाकार के अनुसार राज्य में 677 करोड़ के राजस्व आधिक्य की स्थिति 
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सदन के सदस्यों द्वारा समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा लिये गये ऋणों पर चिंता व्यक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन सभी चिंताओं और आशंकाओं का समाधान मैं आंकड़ों के माध्यम से सदन के समक्ष रखना चाहता हूं-
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य शासन द्वारा ऋण के रूप मे ली गई राशि का उपयोग हमने राज्य के किसानों को धान का बोनस भुगतान पर किया है। इसी राशि से गरीब किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋणों की माफी की गई है।
राज्य के वित्तीय संसाधनों का हमने पूरी मितव्ययिता के साथ उपयोग किया है और यही कारण है कि नयी-नयी योजनाओं पर खर्च करने के बाद भी हम अपने राजस्व को बचाने में भी सफल रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के महालेखाकार से पिछले वर्ष का लेखा राज्य सरकार को प्राप्त हुआ है। महालेखाकार के आंकड़ों में भी मार्च 2019 की स्थिति में राज्य में 677 करोड़ के राजस्व आधिक्य की स्थिति दर्शायी गई है।
राजस्व आधिक्य के मापदण्ड की पूर्ति के आधार पर हमें चालू वर्ष में भी लगभग 1 हजार 650 करोड़ का अतिरिक्त ऋण लेने की पात्रता बनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम अनुपूरक प्रस्ताव के कारण राजकोषीय घाटे में होने वाली वृद्धि की पूर्ति राज्य के राजस्व में वृद्धि एवं अन्य विविध व्यय के मदों में कटौती तथा मितव्ययिता से की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा- छत्तीसगढ़ में न तो सरकार का खजाना खाली है और न ही आर्थिक संकट की स्थिति 
 
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मार्च 2019 में राजस्व आधिक्य के साथ-साथ चालू वित्तीय वर्ष 2019 -20 के प्रथम त्रैमास के आंकड़े भी सदन में प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि-
इस वर्ष अप्रैल से जून माह के दौरान केन्द्रीय अनुदान की राशि में कमी होने के बावजूद राज्य को सभी स्रोतों से 16 हजार 346 करोड़ की आय प्राप्त हुई है, जबकि इसी अवधि में पिछले वर्ष 14 हजार 754 करोड़ की आय प्राप्त हुई थी।
इस वर्ष राज्य शासन को प्राप्त आय एवं प्रारंभिक बैलेंस को मिलाकर अप्रैल से जून माह के दौरान खजाने से 19 हजार 801 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, जबकि गत वर्ष इसी अवधि में मात्र 16 हजार 346 करोड़ का भुगतान किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि – न तो सरकार का खजाना खाली है और न ही आर्थिक संकट की स्थिति है।
17 दिसम्बर 2018 को हमारी सरकार बनी थी, 8 मार्च 2019 को बजट सत्र का समापन हुआ था और अब इस मानसून सत्र के माध्यम से हम सब फिर यहाँ मिले हैं तो बात सिर्फ प्रथम अनुपूरक बजट की नहीं है बल्कि बीते 6 महीनों में राज्य की बदली हुई तस्वीर का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने का भी आज अवसर बनता है।
राज्यों के बजट अध्ययन पर आधारित आरबीआई का वित्तीय प्रतिवेदन
 
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आरबीआई द्वारा अगस्त 2018 में जारी प्रतिवेदन के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुल जीएसडीपी की 17.9 प्रतिशत राशि विकासमूलक कार्याें पर व्यय की गई है, जबकि अन्य सभी राज्यों का विकासमूलक कार्याें पर औसत व्यय 11.9 प्रतिशत है।
इसी प्रकार सामाजिक क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में कुल जीएसडीपी की 11.5 प्रतिशत राशि व्यय की गई है, जबकि अन्य सभी राज्यों का सामाजिक क्षेत्र में औसत व्यय 7.8 प्रतिशत है।
छत्तीसगढ़ का कुल ऋण भार जीएसडीपी का 17.4 प्रतिशत है जबकि अन्य राज्यों का औसत ऋणभार 24.3 प्रतिशत है। यह ऋण भार देश में न्यूनतम है।
छत्तीसगढ़ में ब्याज भुगतान की राशि कुल जीएसडीपी का 1.1 प्रतिशत है, जबकि अन्य राज्यों का औसत ब्याज भुगतान 1.7 प्रतिशत है। यह ब्याज भुगतान प्रतिशत देश में न्यूनतम है।
इसके पहले आज विधानसभा में मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2018-2019 के बजट से संबंधित छत्तीसगढ़ राज्य का निष्पादन बजट (परफार्मेन्स बजट) पटल और वर्ष 2018-2019 के बजट की अंतिम तिमाही के आय तथा व्यय की प्रवृत्तियों की समीक्षा विधानसभा के पटल पर रखा।

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