सुकमा : महिलाओं ने मास्क तैयार कर बढ़ाई अपनी आमदनी : कम दाम में अच्छी गुणवत्ता का मास्क तैयार करने से बढ़ी मांग

कोरोना से लड़ने में निभाई सामाजिक जिम्मेदारी

सुकमा, 5 मई 2020

जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम में सुकमा जिले के स्वसहायता समूह की महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। कोरोना वायरस के रोकथाम में मास्क की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए इसके निर्माण में स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा रुचि दिखाई गई और इस आपदा के दौरान अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए अपनी आजीविका के बेहतरी के लिए भी कार्य किया गया।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा रियायती दर पर मास्क बनाने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें 25 महिला स्व-सहायता की सदस्य जुटी हुई हैं। इन महिला समूहों में जय माँ संतोषी स्व-सहायता समूह तोंगपाल, धनलक्ष्मी स्व-सहायता समूह छिन्दगढ़, मोंगरा स्व-सहायता समूह गादीरास, कुमकुम स्व-सहायता समूह गोंगला, माँ शेरावाली स्व-सहायता समूह केरलापाल के महिलाओं द्वारा 20 हजार से अधिक मास्क बनाया जा चुका है।
महिला स्वसहायता समूह द्वारा तैयार मास्क की अच्छी गुणवत्ता और कम कीमत को देखते हुए वन विभाग द्वारा ढाई लाख मास्क तैयार कराया जा रहा है। इन मास्क का वितरण वनोपज संग्राहकों को किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा मास्क वितरण का यह कार्य वनोपज संग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए किया जा रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा भी मनरेगा मजदूरों की सुरक्षा के लिए महिला स्वसहायता समूहों से मास्क तैयार करवाया जा रहा है। महिला स्वसहायता समूह द्वारा तैयार मास्क की मांग लगातार बढ़ रही है तथा क्षेत्र के ग्रामीण भी इसे खरीद रहे हैं।
महिला स्व सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे मास्क की खासियत है कि उसे धोकर पुनः उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार मास्क का निर्माण स्व-सहायता समूह के महिलाओं के लिए आय का स्त्रोत बना है।
मास्क निर्माण करने वाले बिहान महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं इस आपातकाल में मास्क की निर्बाध आपूर्ति कर रही है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत् जिले के ग्रामीण आदिवासी एवं सुदूर अंचलों की महिलाएं इस योजना के तहत् सशक्त बन रही हैं। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा लगभग 53 हजार तेन्दूपत्ता संग्राहकों को लगभग 2.50 लाख मास्क वितरित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन के दौरान शासन के निर्देशानुसार सभी को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। इसको देखते हुए महिलाएं मास्क बनाने का कार्य कर रही है, जिससे महिलाओं को अर्थिक रूप से मदद भी मिल रही है।

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