रेलवे ने बताई ट्रेनों के भटकने की वजह, श्रमिकों की मौतों पर दिया ये बयान

नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी को लेकर शुरू हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लाखों मजदूर अपने परिवार तक पहुँच सके और राहत की साँस ली, लेकिन इन सब के बीच स्पेशल ट्रेनों के संचालन में काफी खामियां भी सामने आयी। मुंबई से गोरखपुर के लिए चली ट्रेन रास्ता भटक कर झारखंड पहुँच जाती है तो वहीं स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों की मौत हो जाती है। इन सब को लेकर अब रेलवे ने अपना बयान जारी किया है।

1 मई से अब तक 3840 ट्रेनें चलाई जा चुकी

रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रेल सेवा को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1 मई से अब तक 3840 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। इस दौरान 52 लाख से ज्यादा श्रमिक यात्रा कर चुके हैं।

52 लाख से ज्यादा श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाया

उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के लिए लगातार ट्रेने चलाई जा रही हैं, हालाँकि अब धीरे धीरे राज्यों की ओर से स्पेशल ट्रेनों की मांग कम हो रही है। उन्होंने कि जब तक आखिरी मजदूर अपने घर नहीं पहुँच जाता, वे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन करते रहेंगे।

1 करोड़ 20 लाख रेलवे कर्मचारी दिन रात कर रहे काम

महामारी में बीच इतनी बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे के 1 करोड़ 20 लाख कर्मचारी दिन रात काम में लगे हुए हैं।

ट्रेनों के डायवर्जन की बताई वजह

हालांकि इन सब के बावजूद ट्रेनों के रास्ता भटकने और अपने गंतव्य से काफी दूर पहुँच जाने की शिकायत भी सामने आई। जिसे लेकर चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि कुछ ट्रेन बीते दिनों डायवर्ट जरूर हुई, ऐसा कंजेशन के चलते किया गया, लेकिन कोई ट्रेन रास्ता नहीं भटकी।

 

सफर में यात्रियों की मौत की बात कबूली

वहीं ट्रेनों के डायवर्जन से गंतव्य तक पहुँचने में देरी और इस दौरान सफर में यात्रियों की मौत पर भी रेलवे ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने माना कि स्पेशल ट्रेनों में सफर के दौरान कुछ लोगों की मौत हुई। कितने लोगों की मौत हुई और कैसे हुई इसपर जांच हो रही है।

 

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