जासूसी के काम में उतरीं पाकिस्तान की लड़कियां, भारतीयों को ऐसे फंसा रहीं चंगुल में

जयपुर: पाकिस्तान भारत में अशांति फैलाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उसे मालूम है कि वह सामने से युद्ध में भारत को कभी भी मात नहीं दे सकता इसलिए उसने सबसे आसान तरीका जासूसी का उठाया है।

बता दें कि राजस्थान का श्रीगंगानगर पाकिस्तान के बहावलपुर से नजदीक में बसा है। यहीं पर आईएसआई का हेड क्वार्टर भी है। श्रीगंगानगर में सैन्य छावनियों और एयर फ़ोर्स की एक्टिविटीज होती रहती हैं। हर साल सैन्यअभ्यास होते हैं। इसी वजह से आईएसआई यहां अपने जासूस तैयार करता रहता है।

अब जो नई जानकारी निकल कर सामने आई है वो जासूसी करने से जुड़ी हुई है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) अब भारत के युवाओं को हनी ट्रैप में फंसाकर सेना की गुप्त जानकारियां निकालने का तरीका अपनी रही है। इसके लिए उसने प्रशिक्षित महिलाओं की एक टीम तैयार की है जो युवाओं को अपनी बातों में फंसाकर उनसे सेना की जासूसी करने के लिए कहती हैं।

ये महिलाएं सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान की सीमा के पास रहने वाले युवाओं को अपना निशाना बनाती हैं। मालूम हो कि ये महिलाएं ज्यादातर उन युवाओं को अपना निशाना बनाती हैं जो किसी भी तरह से सेना या बीएसएफ से जुड़े होते हैं।

यही नहीं कुछ महीनों तक युवकों से बातचीत करके उन्हें भरोसे में लेती हैं और फिर उन्हें सेना की जासूसी करने के लिए उकसाती हैं। ये युवा कभी प्रेम जाल में तो कभी पैसे के लालच में उनका साथ देते हैं।

गौरतलब है कि 2011 में सूरतगढ़ एसडीएम कार्यालय के क्लर्क पवन शर्मा को सीआईडी ने पाकिस्तानी सेना को खुफिया जानकारियां भेजने के आरोप में अरेस्ट किया था। उन पर आरोप था कि वह भारत के नक्शे और फोटो आईएसआई को भेजने का काम करता है।

यहीं नहीं 6 जून 2020 को लालगढ़ जाटान छावनी से विकास जाट और महाजन फायरिंग रेंज से चिमनलाल नायक को अरेस्ट किया गया था। ये दोनों भी आईएसआई की महिला अधिकारी से बातचीत करते थे। इस अधिकारी ने अनुष्का चोपड़ा नाम से फेसबुक पर अपनी आईडी बनाई हुई थी।

2019 जनवरी में जैसलमेर छावनी में तैनात सैनिक सोमवीर को आईएसआई की महिला अधिकारी ने अनिका चोपड़ा नाम से फेसबुक पर दोस्ती करके हनी ट्रैप के जाल में फंसाया था। इसके जरिए उसने कई जानकारियां हासिल की थीं।

बीएसएफ से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि भारतीय सीमा पर लंबे समय से पाकिस्तानी टॉवर के नेटवर्क आ रहे हैं। आईएसआई लड़कियों के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा है।

इससे हमारी सीमा में पाकिस्तानी सिम से आसानी से बातचीत हो जाती है। सेना और अर्धसैनिक बलों में साइबर क्राइम बढ़ रहा है। ऐसे में जवानों के सोशल मीडिया अकाउंट चलाने पर पाबंदी लगनी चाहिए या फिर उन्हें अपने जवान होने की जानकारी को छुपाकर रखना चाहिए।

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