रायपुर, 11 जून 2020। कोरोना वायरस के संक्रमण की चैन को तोड़ने और बीमारी के समुदाय में फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के क्वारेंटाइन सेंटर्स से लगे भवन के आस-पास के घरों में संदिग्ध की खोज कर रहे हैं।
अनलॉक होने के बाद प्रवासी श्रमिकों के बस, ट्रेन, अन्य वाहन के साधनों व पैदल ही गांव वापसी होने से संक्रमण का खतरा बढ गया है। ऐसे में एहतियात बरतते हुए बाहर से आने वाले लोगों की पहचान कर स्वास्थ्य जांच कर अन्य लोगों से अलग रहने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं। कोरोना संदिग्धों के अलावा ऐसे मरीजों की भी खोज की जा रही है जो पूर्व में किसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित है। ऐसे लोगों का इम्युनिटी लेवल कम होता है जिससे वे कोरोना वायरस के संक्रमण के जद में आ सकते हैं।
मेडिकल टीम मास्क, ग्लव्स और पीपीई किट पहनकर ऐसे इलाकों में कोरोना योद्धा बनकर सर्वे कार्य को अंजाम दे रही है। सेक्टर खोरपा के अंतर्गत 18 ग्रामों में डोर-टू-डोर 900 घरों का सर्वे किया गया है जिसमें लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, पेट दर्द, भूख न लगना संबंधित व्यक्तियों का लिस्ट तैयार किया गया है। सर्वे के दौरान 56 गर्भवती महिलाएं चिंहाकित की गई जिन्हे अतिरिक्त सावधानियां बनाए रखने और समय-समय पर मितानिन और एएनएम से संपर्क कर टीका लगवाने की जानकारी दी गई। वहीं किसी भी तरह के असामान्य लक्षण नजर आने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों से संपर्क कर सकते हैं। सर्दी खांसे के सामान्य मरीज मिले जिन्हें प्राथमिक केंद्र से दवा लेने की सलाह भी दी गई।
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले के अभनपुर विकासखंड के अंर्तगत खोरपा सेक्टर में 16 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। अन्य प्रदेश व जिलों से आने वाले लोगों को स्थानीय स्कूल, छात्रावास व सामुदायिक भवन को क्वारेंटाइन सेंटर में तबदील कर अस्थायी तौर पर श्रमिकों को ठहराया गया है। खोरपा सेक्टर सुपर वाइजर एफ.आर. मार्कण्डे ने बताया- क्वारेंटाइन सेंटर में सोशल डिसटेंसिंग और सेनेटाइजर का उपयोग करने और साफ सफाई बनाए रखने की जानकारी भी लोगों को में कुल 90 लोगों को क्वरेंटाइन सेंटर और 19 लोगों को होम क्वारेंटाइन में रखा गया है। उन्होंने बताया, क्वारेंटाइन सेंटर में 56 पुरुष, 23 महिलाएं और 11 बच्चों को ठहराया गया है। फिलहाल इस सेण्टर कोई भी गर्भवती महिला नहीं ठहरी है। शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। क्वारेंटाइन सेंटर के प्रभारी बीपीएम अश्विनी पांडे द्वारा प्रवासी श्रमिकों को क्वरेंटाइन अवधी के दौरान व्यक्तिगत उपयोग में आने वाले क्या-क्या जरुरी सामाग्री अपने पास रखना है, इस संबंध में जानकारी दी गई।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोरपा के प्रभारी डीएस नेताम (आरएमए) का कहना है, इस संकट के घड़ी में टीम को हर सदस्य का योगदान जरुरी है। कोरोना संकट काल में लगे ड्यूटी कर रहे सभी कोरोना योद्धा ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (आरएचओ) में के. के. बंजारे, रामेश्वर पटेल, अनूप साहू, हरिश तिवारी, गौतम विश्वकर्मा व सीएचओ चितेश साहू सक्रिय भागीदार के रुप में भूमिका निभा रहे हैं। आज की इस कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों में ग्राउंड जीरों में परिस्थतियों का सामना करने वाले कोरोना वारियर आरएचओ की जरुरत है।
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