रायपुर : पंचमराम के हुनर ने परिवार के जीवन को बनाया सुखमय : कृषि उपकरणों की मरम्मत और धार करने के काम में है महारत

रायपुर, 27 जून 2020

दूरस्थ वनांचल में निवास करने वाले पंचमराम लोहार के हुनर ने उनके परिवार के जीवन को सुखमय बना दिया है। वे पुश्तैनी धंधा लोहारी के कामों में इतने महारत हासिल कर लिए है कि खेती-किसनी के समय कृषि उपकरणों और मनरेगा के तहत चलने वाले कामों में उपयोग होने वाले उपकरणों की मरम्मत और औजार की धार से अपने और अपने परिवार के जीवन-यापन को आसान बना दिया है। पंचमराम के दादा और पिताजी भी कुदाल, गैंती, कुल्हाड़ी, हल आदि कृषि उपकरण बनाते थे। उन्हें यह काम विरासत में मिला है। इन कामों से कोण्डागांव के ग्राम सोनाबाल निवासी पंचमराम लोहार को प्रतिदिन 300 से 400 रूपए की कमाई हो जाती है। ग्रामीण परिवेश में जीवन-यापन होने के कारण प्रतिदिन कमाई के इस पैसे से पंचमराम के परिवार के लिए जरूरत की सभी सामान उपलब्ध हो जाते हैं। इस काम में पंचमराम की पत्नी भी मदद करती है।
उल्लेखनीय बात यह है कि वर्तमान दौर में खेती-किसानी के आधुनिक कृषि उपकरणों ने परम्परागत लोहारी के धंधा को एक तरह से मंदा कर दिया है। एक समय था जब खेती किसानी प्रारंभ होने से पहले लोहारों के पास किसानों की लम्बी लाईन लगती थी। अब गिनती के किसान हल, कुल्हाड़ी, फावड़ा एवं गैंती की मरम्मत अथवा धार कराने पहुुंचते है। साथ ही कोरोना संक्रमण की मार के कारण पहले से काम बहुत कम हो गया है। किन्तु लॉकडाउन में दी गई छूट और जिले में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने पर एक खुशी हुई। इन विपरीत परिस्थितियों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने हम लोहारों की उम्मीदें जगा दी है। क्योंकि मिट्टी खोदने के श्रममूलक कार्य में गैंती, फावड़ा और तसला (धमेला) की जरूरत पड़ती है।
पंचमराम ने बताया कि मानसून के बाद वह ईट भटटे में ईट बनाने का भी काम करते हैं। खरीफ और रबी फसल की तैयारियों के समय वह कृषि औजारों आदि का काम करते है। उन्होंने बताया कि मनरेगा कानून लागू होने के बाद से गांव-गांव में जॉबकार्डधारी मजदूर है। हर मजदूर के घर में गैंती और फावड़ा होते है। इसी तरह मिट्टी मुरूम एकत्र करने में उपयोग होने वाला फावड़ा भी घर-घर में मौजूद रहता है। जंगली ईलाका होने के कारण ज्यादातर ग्रामीण कुल्हाड़ी, कुदाल और बसूला का इस्तेमाल यहां करते हैं। मानसून आते ही किसान भी औजारों की मरम्तत कराने उनके पास पहुंचने लगे हैं। इससे और अच्छी कमाई होने लगी हैं।

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