चंडीगढ़
माघ मेले के दौरान खालिस्तानी विचारधारा वाले अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने नए दल का गठन किया था। अब राज्य में एक और नई पार्टी का गठन होने वाला है। यह नया दल शिरोमणि अकाली दल के बागी लीडर गुरपतवंत सिंह वडाला और उनके समर्थक बनाने की तैयारी में हैं। वडाला ने कहा कि अकाली दल के बागी नेता जल्दी ही एक मीटिंग करेंगे और नए दल के गठन पर मंथन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जल्दी ही सदस्यता अभियान भी शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि अकाली दल की ओर से अकाल तख्त की सलाह को भी माना नहीं जा रहा है। वडाला ने कहा कि हमें हैरानी है कि आखिर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और एसजीपीसी के चीफ हरजिंदर सिंह धामी इस मसले पर क्यों चुप हैं।
उन्होंने कहा कि हमें हैरानी है कि आखिर अकाल तख्त की ओर से क्यों चुप्पी है। हमारी जब धामी और रघबीर सिंह से हमारी मीटिंग हुई थी और उन्होंने सहमति जताई थी कि अकाल तख्त की तरफ से बनाई गई कमेटी ही सदस्यता अभियान चलाएगी। पार्टी को नए सिरे से उसी समिति की निगरानी में खड़ा किया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त के आदेश पर ही 'अकाली दल सुधार लहर' को बंद किया गया था। तख्त का कहना था कि सारे मतभेदों को दूर करके अकालियों को एक छतरी के नीचे आना चाहिए। हमने ऐसी कोशिश भी की, लेकिन अकाली दल के नेतृत्व ने ऐसा कुछ नहीं किया। वह अब भी मनमानी से ही सरकार चला रहे हैं।
वडाला ने साफ कहा कि यदि यही हाल रहा तो फिर हम नया दल बनाकर रहेंगे। इसे लेकर हम जल्दी ही एक मीटिंग करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा से ताल्लुक रखने वाले अकाली मीटिंग करने और अगले कदम पर फैसला लेंगे। लेकिन यह तय है कि हमारा फैसला अकाल तख्त के निर्देशों के अनुसार ही होगा। हालांकि अब तक इस पर अकाल तख्त की ओर से कोई बयान नहीं आया है। फिलहाल साफ है कि पंजाब में अकाली राजनीति में एक और विभाजन होने की संभावना है। पहले ही अमृतपाल सिंह ने वारिस पंजाब दे अकाली दल बना लिया है। इसके अलावा सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी का नाम भी अकाली दल (अमृतसर) है। ऐसे में एक नई पार्टी बनी तो राज्य में अकाली के नाम पर राजनीति करने वाली 4 पार्टियां हो जाएंगी।