राज्य सड़क परिवहन निगम ने बड़ा कदम उठाते हुए हिंदू नामों का इस्तेमाल कर चलाए जा रहे कुछ होटलों के लाइसेंस रद्द किये

गुजरात
गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (GSRTC) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए हिंदू नामों का इस्तेमाल कर चलाए जा रहे कुछ होटलों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। यह कार्रवाई उन होटलों के खिलाफ की गई है, जिनका नाम हिंदू रखा गया था या जिनके मालिक के नाम में हिंदू का नाम था, लेकिन इन होटलों को मुस्लिम समुदाय के लोग चला रहे थे। अब GSRTC की बसें इन होटलों पर हाल्ट नहीं करेंगी, और ये होटल अब राज्य परिवहन से जुड़े नहीं रहेंगे।

क्या था पूरा मामला?
पिछले एक वर्ष में GSRTC ने उन होटलों की सूची तैयार की थी, जो हिंदू नामों का उपयोग कर रहे थे लेकिन उन्हें मुस्लिम समुदाय के लोग चला रहे थे। GSRTC का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने और होटलों के संचालन में सही तरीके को लागू करने के लिए उठाया गया है।

कौन-कौन से होटल शामिल हैं?
रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए होटलों की सूची में गुजरात के विभिन्न शहरों और मार्गों पर स्थित 27 होटल शामिल हैं। इन होटलों में वडोदरा डिविजन के अहमदाबाद-सूरत रोड पर स्थित स्वाजी इन, होटल विशाल, होटल बसेरा, और होटल सतीमाता जैसे होटल शामिल हैं। इसके अलावा, भरूच डिविजन के तहत होटल तुलसी, होटल मारुति, होटल डायमंड और होटल रौनक भी इस सूची में हैं। राजकोट डिविजन के भुज-ध्रगंधरा-अहमदाबाद मार्ग पर स्थित होटल शिवशक्ति का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है। इसी तरह, गोधरा डिविजन के होटल वृंदावन और पालनपुर डिविजन के होटल गुरुकृपा सहित कई अन्य होटलों के लाइसेंस भी रद्द किए गए हैं।

GSRTC की कार्रवाई का उद्देश्य क्या ?
GSRTC का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य राज्य परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखना और होटल उद्योग में सही संचालन सुनिश्चित करना है। इन होटलों के मालिकों ने हिंदू नामों का उपयोग करके भ्रम पैदा किया, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई है।

क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस कार्रवाई के बाद, इन होटलों पर अब GSRTC की बसें रुकेंगी नहीं। इससे होटल मालिकों को व्यवसाय में नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि यात्रियों की सुविधा के लिए अक्सर GSRTC बसों के रुकने का स्थान होटल ही होते हैं।

क्या कहते हैं होटल मालिक?
इस फैसले से जुड़े होटल मालिकों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, यह निश्चित है कि यह कदम राज्य परिवहन और होटल व्यवसाय दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *