अखिलेश यादव बोले- उप्र सरकार हो चुकी है असफल, महाकुंभ में ‘महा’बदइंतजामी, सिस्टम हुआ फेल, भीड़ हुई बेकाबू

प्रयागराज

महाकुंभ में हर रोज लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. लेकिन व्यवस्थाओं का अभाव देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि शहर और कुंभ मेला क्षेत्र के सभी एंट्री प्वाइंट बंद कर दिए गए हैं. लाखों श्रद्धालु जहां हैं, वहीं थम गए हैं. भयंकर भीड़ की वजह बदइंतजामी को माना जा रहा है. 20-20 किमी पैदल चलने के बाद भी कुंभ क्षेत्र में एंट्री नहीं हो रही. सबसे बड़ी बात तो ये है कि शासन स्तर पर कोई मॉनिटरिंग नहीं होने से पूरी मेला व्यवस्था ध्वस्त पड़ गया है. जाम को लेकर अखिलेश यादव ने भी पोस्ट करते हुए कई सवाल खड़े किए हैं.

बता दें कि शासन और प्रशासन ने महाकुंभ को लेकर कई बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन जमीनी हकीकत तो इसके बिल्कुल उलट है. कुंभ में तैनात दो IPS अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था को अपनी निजी जागीर बना ली है. जिसकी वजह से सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें देखने को मिल रही है. बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे थककर बेहाल हो गए हैं. लोग पानी पीने के लिए तरस रहे हैं, जिसकी कोई व्यवस्था नहीं है.

महाकुंभ क्षेत्र में पहुंचने से पहले आलम ये है कि श्रद्धालुओं को जानकारी देने वाला कोई नहीं है. किसी के पास कोई जानकारी नहीं कि कौन सा रास्ता खुलेगा और कब तक बंद रहेगा. एंट्री प्वाइंट पर दरोगा सिपाही लेवल के पुलिस वाले तैनात हैं, जो केवल पुलिस अधिकारियों के प्रोटोकॉल युक्त वालों परिजनों को डायरेक्ट एंट्री दे रहे हैं. बाकी आम आदमी के लिए सब बंद है.

    संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भीषण जाम की समस्या ने श्रद्धालुओं की परीक्षा ली। संगम तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर 10 से 15 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते जगह-जगह गाड़ियां फंसी हैं, जिससे पूरे शहर में यातायात बाधित हो गया…

ऐसी नौबत क्यों आई?
माइक से ऐलान हो रहा है, जहां जो घाट दिखे वहीं स्नान करो और लौट जाओ. सबसे खराब स्थिति नागवासुकी मंदिर के पास है. वहां बदइंतजामी सबसे चरम पर है. आम आदमी के लिए कुंभ क्षेत्र में घुसना किसी सपने से कम नहीं है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर जब 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान था और सरकार और प्रशासन की ओर से इससे ज्यादा लोगों के लिए व्यवस्था की गई तो ऐसी नौबत क्यों आई कि लोगों को पेरशानियों का सामना करना पड़ रह है. आखिर किसकी लापरवाही की वजह से ऐसी परिस्थितियां निर्मित हुई?

अखिलेश यादव ने (X) पर पोस्ट करते हुए कहा, महाकुंभ में फंसे करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तुरंत आपातकालीन व्यवस्था की जाए. हर तरफ़ से जाम में भूखे, प्यासे, बेहाल और थके तीर्थयात्रियों को मानवीय दृष्टि से देखा जाए. आम श्रद्धालु क्या इंसान नहीं है?

अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि प्रयागराज में प्रवेश के लिए लखनऊ की तरफ़ 30 किमी पहले से ही नवाबगंज में जाम, रीवा रोड की तरफ़ से गौहनिया में 16 किमी पहले से जाम और वाराणसी की तरफ़ से 12 से 15 किमी के जाम के व ट्रेन के इंजन तक में भीड़ के प्रवेश कर जाने के समाचार हर जगह प्रकाशित हो रहे हैं. आम जन जीवन दूभर हो गया है. उप्र सरकार असफल हो चुकी है. वो अहंकार से भरे झूठे विज्ञापन में ही दिख रही है, लेकिन सच में ज़मीन पर नदारद है.

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