अयोध्या
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया है। 85 वर्ष की उम्र में पीजीआई लखनऊ में बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें गंभीर हालत में स्ट्रोक के कारण तीन फरवरी को पीजीआई के न्यूरोलॉजी वार्ड के एचडीयू में भर्ती कराया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कुछ दिन पहले पहुंचकर उनका कुशलक्षेम पूछा था। पीजीआई निदेशक डाॅक्टर आरके धीमान के मुताबिक डॉक्टरों की निगरानी में लगातार उनका इलाज चल रहा था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर दुख जताया है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर सीएम योगी ने अपने शोक संदेश में लिखा- ‘परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!’ आचार्य सत्येंद्र दास ने अपना पूजा जीवन रामलला की सेवा में समर्पित कर दिया था। अयोध्या में जन्मभूमि पर रामलला जब टेंट में थे तब से आचार्य सत्येंद्र दास उनकी सेवा में थे।
अस्पताल की ओर से मिली जानकारी के अनुसार आचार्य सत्येंद्र दास ने आज यानी बुधवार को अंतिम सांस ली। वह पीजीआई के न्यूरोलॉजी वार्ड एचडीयू में भर्ती थे। एसजीपीजीआई ने एक बयान में कहा कि ‘श्री सत्येंद्र दास जी को स्ट्रोक हुआ है. उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप है और वे फिलहाल न्यूरोलॉजी आईसीयू में भर्ती थे पीजीआई प्रशासन के अधिकारी PRO ने बताया कि सुबह उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली।
आचार्य सत्येंद्र दास रामजन्मभूमि आंदोलन से भी जुड़े रहे। राममंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और उसके बाद राममंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा तक आचार्य सत्येंद्र दास हर मौके पर महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आए। राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने समारोह में न सिर्फ मार्गदर्शन किया बल्कि पूरी भागीदारी भी निभाई। आचार्य सत्येंद्र दास के निधन से उनके शिष्यों के बीच शोक की लहर है। आचार्य सत्येंद्र दास के एक शिष्य ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर पीजीआई लखनऊ से अयोध्या लाया जा रहा है। अयोध्या में कल यानी 13 फरवरी को सरयू तट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।