बांग्लादेश की शोहेली अख्तर मैच फिक्सिंग की दोषी पाई गई, लगा 5 साल का बैन

ढाका
बांग्लादेश की शोहेली अख्तर आईसीसी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों में प्रतिबंधित होने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गईं। उन्हें 2023 टी20 विश्व कप के दौरान मैच फिक्स करने का प्रयास करने का दोषी पाया गया। 36 वर्षीय शोहेली पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया।

ऑफ स्पिन गेंदबाज शोहेली ने बांग्लादेश के लिए दो वनडे और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेले हैं, ने दक्षिण अफ्रीका में टूर्नामेंट के दौरान आईसीसी भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के पांच प्रावधानों का उल्लंघन करने की बात स्वीकार की। आरोप महिला टी20 विश्व कप के मैचों के दौरान किए गए भ्रष्ट संपर्कों से संबंधित थे। हालांकि वह उस टूर्नामेंट के लिए बांग्लादेश की टीम का हिस्सा नहीं थीं। शोहेली ने आखिरी बार 2022 में बांग्लादेश के लिए खेला था।

शोहेली ने संहिता के अनुच्छेद 2.1.1, 2.1.3, 2.1.4, 2.4.4 और 2.4.7 के उल्लंघन के आरोपों को स्वीकार किया और 10 फरवरी 2025 से शुरू होने वाले पांच साल के प्रतिबंध को स्वीकार किया। एसीयू की जांच 14 फरवरी, 2023 को आईसीसी द्वारा 'खिलाड़ी ए' के ​​रूप में पहचाने गए एक क्रिकेटर के साथ फेसबुक मैसेंजर पर शोहेली की बातचीत पर केंद्रित थी।

जांच के दौरान एसीयू ने पाया कि 14 फरवरी को महिला टी20 विश्व कप में बांग्लादेश बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच से पहले शोहेली ने फेसबुक मैसेंजर के जरिए अपनी दोस्त और टीम की साथी से संपर्क किया जिसमें उसने उसे भविष्य में बांग्लादेश के मैचों में फिक्सिंग करने के लिए राजी करने की कोशिश की।

जांच के अनुसार शोहेली ने अपनी टीम की साथी को बताया कि उसका 'चचेरा भाई', जो 'उसके फोन पर सट्टा लगाता है', उससे पूछा कि क्या वह ऑस्ट्रेलिया मैच के दौरान हिट विकेट आउट होगी। शोहेली ने उक्त खिलाड़ी से यह भी कहा कि अगर वह फिक्सिंग करती है तो उसे 2 मिलियन बांग्लादेशी टका का भुगतान किया जाएगा, और यह पैसा उसके 'चचेरे भाई' द्वारा उसके सट्टे से अर्जित जीत से आएगा।

आईसीसी की जांच के अनुसार क्रिकेटर ने अपनी टीम की साथी को यह भी बताया कि अगर 2 मिलियन टका पर्याप्त नहीं है तो उसका 'चचेरा भाई' उसे और अधिक भुगतान कर सकता है और उससे वादा किया कि पूरी गोपनीयता बनाए रखी जाएगी जिसमें उसके संदेशों को मिटाना भी शामिल है ताकि वे मौजूद न रहें।

जिस खिलाड़ी से संपर्क किया गया था, उसने न केवल प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया बल्कि मामले की सूचना तुरंत ACU को दी, शोहेली के सभी वॉयस नोट्स उपलब्ध कराए जिन्होंने अपने डिवाइस पर उन मैसेज को हटा दिया था।

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