इंदौर
सिंहस्थ 2028 के लिए अहम एमआर 4(MR-4 Road) सड़क का ‘रास्ता’ निकाला जा रहा है। इसमें भागीरथपुरा के 100 से अधिक मकान बाधक हैं। सभी मकान मालिक हैं और सालों से रह रहे हैं। उन्होंने जमीन के बदले जमीन या मुआवजे की मांग की है। इस पर शासन अब निगम की पॉलिसी में बदलाव करने पर मंथन कर रहा है। जिसका पूरा मकान लिया जा रहा है उन्हें प्लॉट या बड़ा फ्लैट दिया जा सकता है।
सरवटे बस स्टैंड से एमआर 4 शुरू होता है जो कि भागीरथपुरा(Bhagirathpura) होते हुए एमआर 10 स्थित कुमेड़ी के आइएसबीटी पर खत्म होता है। लवकुश चौराहा से उज्जैन रोड को मिल जाएगा। सिंहस्थ के लिए ये सड़क महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 9 साल पहले सड़क निर्माण आइडीए ने किया था, जिसके बाद बाधाओं को देखते हुए नगर निगम को सौंप दिया। वर्तमान में सड़क भागीरथपुरा में जाकर बॉटलनेक हो गई क्योंकि 100 के करीब मकान है, जिसमें 150 परिवार रहते हैं।
ढाई साल पहले नगर निगम ने सभी को नोटिस दिए थे, लेकिन रहवासियों ने मोर्चा खोल दिया। उनका कहना था कि 1936 से बसे हैं और उनके पास रजिस्ट्री हैं। हम मकान देने के लिए तैयार है, लेकिन जमीन के बदले जमीन दी जाए, हमारे सिर पर छत नहीं होगी तो टीडीआर का क्या करेंगे। इसे लेकर कई मोर्चों पर बात रखी गई। निराकरण नहीं होने के चलते अहम सड़क अटक गई।
तीन बेडरूम का फ्लैट या प्लॉट
पिछले दिनों एमआर सड़कों को लेकर नगरीय प्रशासन व आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक ली थी। इसमें महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मुद्दा उठाया। इस पर शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है जिसमें सड़क या अन्य निर्माण में पूरा मकान बाधक होने पर अन्य जगह उपलब्ध कराई जाने की बात है। तीन बेडरूम का लैट दिया जाएगा या शासन से जमीन लेकर प्लॉट पट्टे पर दिया जाएगा। शासन स्तर से पॉलिसी बनाई जा रही है।
रास्ता निकालना है बेहद जरूरी
गौरतलब है कि वर्तमान में भागीरथपुरा(Bhagirathpura) में 12 फीट चौड़ी सड़क रह गई है जो रेलवे की जमीन है। पिछले सिंहस्थ के पहले रेलवे से कुछ समय के लिए ली गई थी जो अब वापस मांगी जा रही है। ऐसे में रेलवे अपनी जमीन पर कब्जा कर लेगा तो रास्ता बंद हो जाएगा। इसको लेकर रेलवे कई बार लिख चुका है।
पीएम आवास के फ्लैट नहीं मंजूर
क्षेत्रीय पार्षद कमल वाघेला ने भी महापौर से संपर्क कर रहवासियों का पक्ष रखा। कहना था कि पीएम आवास के सिंगल बेडरूम के लैट रहवासियों को मंजूर नहीं है। उनकी जमीन लेकर हम टीडीआर पॉलिसी के सर्टिफिकेट देंगे, वह भी गलत है। नियम में बदलाव किया जाना चाहिए।
2 बस स्टैंड-3 रेलवे स्टेशन से कनेक्शन
यह इंदौर की एक मात्र सड़क है जो दो बस स्टैंड व तीन रेलवे स्टेशन को जोड़ती है। इसके पूरा होने से सरवटे व आइएसबीटी बस स्टैंड का सीधा कनेक्शन होगा तो रेलवे में मुय स्टेशन, नेहरू पार्क रेलवे स्टेशन व लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन कनेक्ट हो जाएगा।
एमआर 4 के लिए भागीरथपुरा(Bhagirathpura) के बाधक मकानों को हटाया जाएगा। सड़क में बाधक बन रहे निर्माण को हटाने के एवज में दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर निगम की पॉलिसी में बदलाव को लेकर शासन स्तर पर विचार चल रहा है। – पुष्यमित्र भार्गव, महापौर
इंदौर-उज्जैन के बीच बनेगी नई रोड,सिंहस्थ से पहले होगी तैयार
सिंहस्थ 2028 के लिए प्रदेश सरकार ने इंदौर के हातोद क्षेत्र से उज्जैन के सिंहस्थ बायपास तक नई सड़क बनाने की घोषणा की है, जो वर्तमान इंदौर-उज्जैन सड़क का वैकल्पिक मार्ग होगी।
1370 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह सड़क 48 किमी लंबी होगी और 29 गांवों से गुजरेगी। इसमें 20 गांव इंदौर जिले और नौ गांव उज्जैन जिले के लाभांवित होंगे। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
पितृ पर्वत के पास से नई सड़क बनाई जाएगी
इंदौर के हातोद क्षेत्र में पितृ पर्वत के पास से उज्जैन में सिंहस्थ बायपास तक नई सड़क बनाई जाएगी। चार लेन ग्रीन फील्ड सड़क बनाने के लिए 350 हेक्टेयर से अधिक जमीन की आवश्यकता होगी।
डीपीआर और लेआउट तैयार होने के बाद सरकार की अधिसूचना के जारी होने पर जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) ने इंदौर-उज्जैन के बीच बनने वाली नई सड़क की डीपीआर का काम शुरू कर दिया है।
सड़क की डीपीआर का काम जारी
इस सड़क में 70 प्रतिशत हिस्सा इंदौर और 30 प्रतिशत हिस्सा उज्जैन जिले में आ रहा है। एमपीआरडीसी के अधिकारियों का कहना है कि सड़क की डीपीआर का कार्य जारी है। इसके साथ ही अन्य काम भी किए जा रहे हैं। अगले माह डीपीआर तैयार हो जाएगी।