रायसेन में बनेगा 120 करोड़ में बन रहा एलिवेटेड कॉरिडोर, जंगल के बीच से निकलेगी सड़क, इन दो जिलों को जोड़ेगी

रायसेन

मध्यप्रदेश के रायसेन में पहले फ्लोटिंग रोड के निर्माण को जल्द पूरा होने वाला है। ये बेगमगंज (रायसेन) से राहतगढ़ (सागर) को जोड़ने वाला मार्ग जल्द ही प्रदेश के प्रमुख मार्गों में गिना जाएगा, जहां 9 किमी लंबा सेमी ऐलिवेटेड कॉरिडोर बन रहा है। यह कॉरिडोर केवल सफर को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक रोमांचक अनुभव लेकर आएगा। जंगलों और पहाड़ियों से घिरे इस क्षेत्र में अब सड़क यात्रा किसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन से कम नहीं होगी।

 डूब क्षेत्र में तकनीक का कमाल, 120 करोड़ की लागत से बन रहा फ्लोटिंग रोड

मढ़िया बांध के कारण रायसेन-सागर रोड का एक हिस्सा डूब में आ रहा था। इसी समस्या को हल करने के लिए MPRDC (मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम) ने 120 करोड़ रुपए की लागत से फ्लोटिंग रोड और चार बड़े फ्लाईओवर का निर्माण शुरू किया। यह सेमी ऐलिवेटेड कॉरिडोर बांध के पानी के ऊपर से गुजरेगा, जिससे यात्रियों को एक अनोखा सफर मिलेगा और इलाके की कनेक्टिविटी भी बरकरार रहेगी।

टूरिज्म को मिलेगा बड़ा बूस्ट, बनेगा नया सेल्फी प्वाइंट!

राहतगढ़ पहले से ही अपने खूबसूरत झरने और प्राकृतिक नजारों के लिए प्रसिद्ध है। अब जब यह नई सड़क जंगल, पहाड़ियों और डैम के बीच से गुजरेगी, तो यह इलाका पर्यटन का नया केंद्र बन सकता है।

  •  सेल्फी प्वाइंट और व्यूइंग डेक बनाने की योजना
  •  पर्यटकों के लिए फूड कोर्ट और रेस्ट एरिया विकसित किए जाएंगे
  •  स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे

परियोजना से प्रभावित गांवों की स्थिति

इस प्रोजेक्ट के चलते रायसेन जिले के 14 गांव पूरी तरह और 42 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आएंगे। प्रशासन ने प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए योजना बनाई है, जिससे किसी को नुकसान न हो।

पर्यटन को मिलेगा नया जीवन
राहतगढ़ का वॉटरफॉल पहले से ही इस क्षेत्र का बड़ा आकर्षण रहा है, जहां मानसून के दौरान हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। अब जब यह नया कॉरिडोर जंगल, पहाड़ियों और डैम के पानी के बीच से होकर गुजरेगा, तो यह जगह और भी शानदार दिखेगी। यहां पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वाइंट और अन्य सुविधाएं विकसित करने की भी योजना बनाई जा रही है। परियोजना के कारण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। कॉरिडोर के आसपास पर्यटन केंद्र और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने की संभावना है, जिससे स्थानीय लोगों को फायदा होगा।

डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों की स्थिति
इस परियोजना के कारण रायसेन जिले के 14 गांव पूरी तरह और 42 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आएंगे। इनमें चंदामाऊ और ककरुआ बरामद गढ़ी पूरी तरह से जलमग्न होंगे। हालांकि, प्रशासन ने प्रभावित किसानों और ग्रामीणों के लिए मुआवजा योजना तैयार की है, जिसका वितरण जल्द शुरू किया जाएगा।

जल्द पूरा होगा निर्माण कार्य
कॉरिडोर और लाई ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। एमपीआरडीसी के जीएम सोनल सिन्हा के अनुसार, ठेकेदार को मई तक कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं और इसकी सतत समीक्षा हो रही है। प्रयास यही है कि बारिश से पहले कार्य पूरा हो जाए, जिससे आगामी मानसून में यह क्षेत्र पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो सके।

बारिश से पहले पूरा होगा निर्माण, जल्द खुलेगा ट्रैफिक के लिए

MPRDC के जीएम सोनल सिन्हा के अनुसार, ठेकेदार को मई 2025 तक निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कोशिश यह है कि मानसून से पहले यह शानदार सड़क चालू हो जाए, ताकि पर्यटक और स्थानीय लोग इसका पूरा लाभ उठा सकें।

फ्लोटिंग रोड: सफर नहीं, एक अनोखा अनुभव!

मध्यप्रदेश में यह अपनी तरह की पहली सड़क होगी, जहां सफर करते हुए लोग महसूस करेंगे कि वे पानी के ऊपर चल रहे हैं। यह सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि प्रदेश के पर्यटन और विकास की नई पहचान बनने जा रहा है। अब सफर सिर्फ मंजिल तक पहुंचने के लिए नहीं, बल्कि उसे जीने के लिए होगा!

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